-संदीप पौराणिक- भोपाल| मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बराबरी पर खड़ा करने का द्वंद्व अभी थमा नहीं है। यह चौहान की राज्य में होने वाली जन आशीर्वाद यात्रा की तैयारियों में साफ झलक रहा है। उज्जैन में यात्रा को लेकर लगे होर्डिंग-बैनर से मोदी का चेहरा गायब है। भाजपा में मोदी एक बड़े नेता के तौर पर उभर रहे हैं। पार्टी ने उन्हें भले ही प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित न किया हो मगर चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाकर अपनी रणनीति जाहिर तो कर ही दी है। वहीं मोदी से दूरी रखने वाले नेताओं में प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान को मोदी से बेहतर मुख्यमंत्री बताने से भी नहीं हिचके हैं।
मोदी के मुकाबले चौहान को बेहतर मुख्यमंत्री बताए जाने के बाद से ही आडवाणी भाजपा में कमजोर पड़े हैं, वही मोदी की स्थिति समय दर समय मजबूत होती जा रही है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश की भाजपा अब भी मोदी को बड़ा नेता स्वीकार करने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि राज्य में होने वाले किसी भी भव्य आयोजन में मोदी की तस्वीरें तक नजर नहीं आती हैं।
ताजा मामला मुख्यमंत्री चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा का है। यात्रा के लिए उज्जैन को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है, हर तरफ बैनर-पोस्टर लगे हैं। इन पोस्टरों में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर व मुख्यमंत्री चौहान के अलावा स्थानीय नेताओं की तस्वीरें नजर आ रही हैं, मगर मोदी नदारत हैं। इसके साथ ही राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी इन बैनरों से गायब हैं।
सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पारस जैन कहते हैं कि मोदी तो हर युवा के दिल में स्थान रखते हैं, मगर वे होर्डिंग में मोदी की तस्वीरें न होने का जवाब नहीं दे पाए। वहीं पार्टी इसे कोई राजनीति या रणनीति का हिस्सा मानने को तैयार नहीं है।
भाजपा की ओर से पूरे देश में मोदी को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी जा चुकी है, मगर मध्य प्रदेश की भाजपा अब भी उनके कद को आसानी से नहीं स्वीकार कर पा रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।