सीआरपीएफ जवान ने खुद को गोली मारी ली

mahendraअजमेर। सीआरपीएफ ग्रुप केन्द्र प्रथम में कांस्टेबल महेंद्र कुमार शर्मा ने गुरुवार की अल सवेरे गार्ड रूम में खुद की गन से ही गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसने ने सर्विस गन एसएलआर की नाल गले पर लगा कर फायर किया था। हालांकि घटनास्थल के पास सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन समझा जाता है कि वह पिछले कई दिनों से पारिवारिक कलह के कारण डिप्रेशन में था।
जानकारी के अनुसार कांस्टेबल 34 वर्षीय महेंद्र कुमार शर्मा पुत्र नानू राम शर्मा सीकर के बावड़ी-रींगस का निवासी था। वह फैमिली क्वार्टर गार्ड रूम में संतरी के तौर पर तैनात था। उसके साथ कांस्टेबल रामस्वरूप, सतपाल और सुरेश भी ड्यूटी पर थे। सभी ने बारी-बारी से ड्यूटी की। आखिर में महेंद्र कुमार शर्मा ने गुरुवार अलसुबह करीब चार बजे तक ड्यूटी की थी। इसके बाद वह गार्ड रूम में लेट गया। उसने लेटे-लेटे ही फायर किया। बुलेट उसके सिर को चीरती हुई बाहर निकल गई। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। डीआईजी श्रीरामचरित्र ने मौका मुआयना किया। अलवर गेट थाना पुलिस के मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार उसने वर्ष 2000 में ज्वाइन किया था। वह केंद्र में ही स्थित क्वार्टर में ही रहता था। कई दिनों से वह पारिवारिक कलह से परेशान था। वह 8 जुलाई को गांव से दस दिन की छुट्टी बिता कर लौटा था। गांव से आने के बाद से ही वह गुमसुम रहता था। ज्यादातर समय वह मोबाइल फोन पर परिजन से बात करता रहता था और कई बार गुस्से में बात करता था।
जानकारी ये भी मिली है कि महेंद्र ने करीब एक महीने पहले वीआरएस के लिए आवेदन किया था। उसका आवेदन विचाराधीन था। नियमानुसार सीआरपीएफ में सर्विस के दस साल पूरे किए बगैर डिस्चार्ज होने वाले जवानों को तीन महीने का ट्रेनिंग शुल्क करीब 80 हजार रुपए विभाग में जमा कराने होते हैं। बारह साल बाद डिस्चार्ज होने वाले सिपाहियों को शुल्क जमा नहीं कराना पड़ता। महेंद्र कुमार शर्मा की सर्विस को 12 साल पूरे हो चुके थे।

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