-उज्जवल जैन- सरवाड़ । राजस्थान सरकार में पदस्थ केबिनेट मंत्री एवम नसीराबाद से विधायक सांवर लाल जाट को भाजपा द्वारा प्रत्याशी घोषित करने से अजमेर लोकसभा का चुनावी मैदान बड़ा ही दिलचस्प हो गया है । कांग्रेस पहले ही केन्द्रीय राज्य मंत्री एवम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के नाम पर मुहर लगा चुकी है ।
भाजपा द्वारा सभी स्थानीय उम्मीदवारों को दरकिनार करते हुए एवम पैराशुटी उम्मीदवारों की उम्मीदवारी की अटकलों पर विराम लगाते हुए प्रदेश भाजपा में अपना वरदहस्त रखने वाले प्रो. जाट को अपना प्रत्याशी बनाया है । हालाँकि भाजपा नरेन्द्र मोदी के सहारे अपनी नैया पार करने की रणनीती बना रही है , मगर अजमेर में पायलट के मैदान में होने से चुनाव बहुत ही रोचक होगा। पायलट की जनता के बीच छवि अच्छी होने एवम युवा होने के साथ ही राहुल गाँधी की टीम में महत्वपूर्ण भूमिका होना पायलट के लिये फायदेकारी हो सकता है ।पायलट के गुर्जर वोटो के दम पर एवम प्रो.जाट के जाट समाज के वोटो के दम पर होंसले बुलंद है । जाट ने इन वोटो के दम पर अपने पुत्र रामस्वरूप लाम्बा की दावेदारी को भी हाईकमान के समक्ष पहुचाया था, मगर राजनीतिक अनुभव की कमी के चलते उन्हें इसमें सफलता नही मिली । अभी जाट जिले के एकमात्र मंत्री भी है एवम प्रमुख जननेताओ में अपना वर्चस्व भी रखते है ।
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जाट स्थानीयवाद को मुद्दा बनाकर भी चुनावी मैदान में कदम रख सकते है ।जाट के नाम की अप्रत्याशित घोषणा चौंकाने वाली भी है। पायलट के सामने विधानसभा चुनावों में आठो सीटों पर कमल खिलने के बाद करीबन दो लाख के मतांतर की भी गंम्भीर समस्या है ।
अब देखना यह होगा की सम्राट पृथ्वीराज चौहान एवम ख्वाजा की नगरी का संसद में प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य कौन हासिल करता है ।