* राहुल गांधी और कैप्टन सतीश शर्मा साथ रहे पर अपरिहार्य कारणो से प्रियंका गांधी और राबर्ट वाड्रा नहीं आये
* नामांकन दाखिल करने के पहले केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय में की विधि-विधान से पूजा-अर्चना
* समर्थन में उमड़ा हजारों का हुजूम, जगह-जगह हुई पुष्पवर्षा
नामांकन दाखिल पहले पूजा- अर्चना करती सोनिया गांधी और राहुल गांधी
-डॉ प्रज्ञा- रायबरेली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को रायबरेली संसदीय से चौथी बार नामांकन पत्र दाखिल किया। इस मौके पर उनके बेटे और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन शर्मा साथ रहे। बेटी प्रियंका गांधी और दामाद राबर्ट वाड्रा को भी आना था लेकिन वे नहीं आए। पर्चा भरने के पहले सोनिया गांधी ने केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय में पूजा-अर्चना की। परचा भरने के बाद सोनिया-राहुल मौलाना अली मियां के तकिया पहुंची और उनके नवासे व आल इण्डिया मुस्लिम परसनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे से शिष्टाचार मुलाकात भी की।
पूर्वान्ह करीब 11.30 बजे राहुल के साथ विशेष विमान से श्रीमती गांधी राहुल व अन्य विश्वासपात्र के साथ फुर्सतगंज हवाईअड्डे पहुंची। यहाँ से सड़क मार्ग से रायबरेली आई। सोनिया के स्वागत के लिए जिले भर से लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सडकों के किनारे जगह-जगह महिलाएं, बच्चे, पुरुष और विभिन्न धर्मों-वर्गों के लोग आईटीआई, सुल्तानपुर चौराहा, घोसियाना, मलिकमऊ रोड, मधुबन क्रासिंग, बैंक तिराहा, कचहरी रोड, प्रकाश नगर मोड़, डिग्री कालेज चौराहा पर कतारबद्ध खड़े थे। इन लोगों ने अपनी नेता का पुष्प वर्षा कर और ढोल-नगाड़े बजाकर स्वागत किया। तीन किलोमीटर का रास्ता फूलों से पट गया। सोनिया और राहुल गांधी नामांकन में उमड़े समर्थकों को देखकर गदगद थे। दोनों ने हिलाकर और हाथ मिलकर लोगो के अभिवादन का जवाब दिया। सुरक्षा की चिंता छोड़ राहुल कई बार लोगो के बीच भी पहुँच गए कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी जिंदाबाद के नारे गुंजाये और आमजनो ने सोनिया से कहा कि रायबरेली की चिंता छोड़िये और आप देश भर में प्रचार करिये।
दोपहर करीब 1.15 बजे सोनिया गांधी कलेकट्रेट पहुंची और परचा भरा। जिलाधिकारी अदिति सिंह ने सोनिया का परचा प्राप्त किया। सोनिया के नामांकन को देखते हुए कलेकट्रेट और पुरे नगर में सुरक्षा के पुखता प्रबंध किये गए थे।
अगर जीती तो टूट जाएगा इंदिरा गांधी का भी रेकार्ड
इंदिरा गांधी की वजह से ही रायबरेली की अंतरराष्ट्रीय पहचान बनी। वर्त्तमान में इंदिरा गांधी की बहू सोनिया गांधी की वजह से इसकी पहचान है। बहुत कम लोगों को याद होगा कि इंदिरा गांधी केवल तीन बार ही रायबरेली से चुनाव जीती थी। तीन बार 2004, 2006 और 2009 में सोनिया भी जीत दर्ज करा चुकी हैं। रायबरेली से वह चौथी बार भाग्य आजमाने उतरी हैं। चौथी बार भी सोनिया कि जीत पक्की ही लग रही है। चौथी बार जीतते ही सोनिया गांधी रायबरेली के लोकसभा में प्रतिनिधित्व का अपनी सास का रिकार्ड तोड़ देंगी। रिकार्ड मत पाने और जीत के अंतर का इंदिरा गांधी का रिकार्ड सोनिया पहले ही तोड़ चुकी है।