अजमेर। कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. जी.एन. माथुर ने क्षेत्र के पशुपालको को पशु आहार के रूप में अजोला के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंनें कृषको को सलाह दी है कि सर्दी बढऩे लगी है ऐसे में अजोला के पीला पडने की संभावना नजर आ रही है, तापमान के 6 डिग्री सेन्टीगे्रड से नीचे जाने पर अजोला काला पडकर मृत हो सकता है ऐसे में कृषक अजोला उत्पादन इकाई को सांयकाल के समय जूट की पुरानी बोरियो से ढक दे तथा सुबह धूप निकलने पर उसको हटा दे। डॉ. माथुर ने बताया कि शीत ऋतु में अजोला की वृद्वि कुछ स्तर तक धीमी रहती है ऐसे में अच्छी वृद्वि हेतु एक किलो गोबर को दो लीटर गो-मूत्र में मिलाकर प्रति सप्ताह प्रति क्यारी मिलाये। यदि अजोला क्यारी को 3 माह से अधिक हो गया हो तो पशुपालक अजोला को हटाकर पानी व मिट्टी बदले तथा क्यारी के रूप में दोबारा अजोला का संवर्धन करे।