विशेष किशोर पुलिस इकाई का प्रशिक्षण

अजमेर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में विशेष किशोर पुलिस इकाई का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी भवन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों ने किशोर पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण मेें विशेष किशोर पुलिस इकाई कि आवश्यकता एवं उद्देश्य पर बोलते हुए सेवानिवृत जिला एवं सेशन न्यायाधीश श्री हरि सिंह असनानी ने कहा कि राह से भटके बच्चों को प्यार, सम्मान एवं सहयोग चाहिए। पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में थोडा बदलाव कर सोचे कि हमारा सामाजिक दायित्व क्या है। बच्चों में अच्छे संस्कार आएं, उन्हें विकसित होने का अवसर मिले, यह हमारा सामाजिक दायित्व बनता है।
श्री असनानी ने कहा कि हम बालकों के प्रति अच्छा व्यवहार करें तो हमारा व्यवहार वे जीवनभर नहीं भूल पाएंगे। पुलिस को अपने कार्य एवं भूमिका में अंतर समझना होगा। व्यवस्थित समाज स्थापित करने में पुलिस अपनी भूमिका निभाएं। बालकों से आम अपराधी की तरह व्यवहार करने की बजाए उनसे अच्छा व्यवहार किया जाए तो वे सुधर सकते है। उन्हें स्वच्छ सुरक्षित एवं गरिमापूर्ण वातावरण दिया जाए।
मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट श्री रवि प्रकाश शर्मा ने कहा कि विधि के जरिए हम कमजोर तबके के लोगों एवं बालकों की सहायता एवं संरक्षण का कार्य करें। पुलिस अपनी परम्परागत सोच को बदले और किशोरों को सुधारने व उनका भविष्य संरक्षित करने के प्रयासों पर ध्यान केन्द्रित करे।
मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट ने कहा कि किशोर न्याय से संबंधित अवधारणा में अब तीन तरह के बालकों को न्याय के लिए प्रयास किए जा रहे है। पुलिस की भूमिका विधि से संघर्षरत बालक, देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक एवं पीडि़त बालक को न्याय दिलाने में समान रूप से कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जन्मजात अपराधी नहीं होता है। परिस्थितियां उसे अपराध की ओर अग्रसर करती है। पुलिस को अब परम्परागत सोच से हटकर ऐसे बालकों के संरक्षण एवं संवद्र्घन के लिए कार्य करना चाहिए। ऐसे बालकों का भविष्य सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए गम्भीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। श्री शर्मा ने विभिन्न उदाहरणों के जरिए अपनी बात को समझाया।
मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट ने कहा कि देश,काल एवं परिस्थितियों के अनुसार सोच में बदलाव आता है। हमें नई सोच के साथ बेहतर काम करना है। सेवा को माध्यम एवं लक्ष्य बनाकर काम करें। अब तालुका से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विधिक सहायता उपलब्ध है। कमजोर वर्गों को इसका लाभ दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण में बाल सम्पे्रष्ण गृह की समस्याओं एवं समाधान पर श्री अभिषेेक, नारीशाला की समस्याओं एवं समाधान पर श्रीमती रूचि मौर्य, बाल मनोवृति पर डॉ. सुरेन्द्र पालीवाल तथा कम्यूनिकेशन स्किल पर श्री अरविंद भट्ट ने प्रतिभागियों को जानकारी दी। प्रशिक्षण में पुलिस सहित विभिन्न वर्गों के संभागी उपस्थित थे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सुरेन्द्र पुरोहित ने बताया कि कल 8 मार्च को प्रात: 10 बजे से सिविल लाईन्स स्थित राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परिसर में स्थित राजीव गांधी विद्या भवन में पैरालीगल वॉलंटियर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होगा।

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