सूक्ष्म जीवो केे उपयोग विषय पर एक परियोजना का षुभारंभ

राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र, तबीजी पर आज दिनांक 5 अगस्त को राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्म जीव ब्यूरो द्वारा वित्त पोषित श्कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रो में सूक्ष्म जीवो केे उपयोगश् विषय पर एक परियोजना का षुभारंभ किया गया। इस परियोजाना की कुल आवंटन राषि लगभग 38.10 लाख रूपये है जो 12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्त तक जारी रहेगी। इस परियोजना के तहत जीरे व धनिया फसलों के विभिन्न उत्पादन क्षेत्रों में फसल उत्पादन के समय उनके मूल (जड़) क्षेत्रों में पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवो पर अध्ययन किया जायेगा तथा इसके बाद कौन कौन से सूक्ष्म जीव विभिन्न भू जनीत रोगों से लडने में सक्षम है का पता लगाया जायेगा ताकि बाद में प्रयोगषाला स्तर पर उन्हें पैदा करके खेंतो में उपयोग मे लिया जा सके। साथ ही साथ यह भी अध्ययन किया जायेगा कि इन सूक्ष्म जीवो का भूमि की उर्वरा षक्ति प्रबन्धन में क्या योगदान है तथा कैसे इनके प्रयोग द्वारा उर्वरा षक्ति को बढाया जा सकता है। केन्द्र से इस परियोजना की प्रधान अन्वेषक वैज्ञानिक डा.षारदा चौधरी है।
आज ही दूसरी तरफ केन्द्र पर विकसित कृषि ज्ञान प्रबंधन इकाई प्रयोगषाला का उद््घाटन केन्द्र के निदेषक डॉ. बलराज सिंह द्वारा किया गया तथा इस अवसर पर केन्द्र के समस्त वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। इस प्रषेगषाला का उपयोग बीजीय मसाला फसलों में आधुनिक ज्ञान एवं सूचना तंत्र के उपयोग तथा सूचना प्राप्त करने में किया जायेगा। इस प्रयोगषाला के अध्यक्ष डॉ. कांकानी तथा सम्न्वयक वैज्ञानिक श्री मुकेष कुमार विषाल हैं जिनके देख रेख में इस प्रयोगषाला को हाल ही में विकसित किया गया है।

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