जल संरक्षण की आस – छोटा सा प्रयास – सबकी बुझेगी प्यास

अजमेर, 16 अप्रेल। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत पीसांगन पंचायत समिति के थौरिया ग्राम में ग्रामीणों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सरपंच श्रीमती गीता देवी व उप सरपंच उगम सिंह ने जिला परिषद के अधिकारियों को गंाव के कुओं के गिरते भुजल स्तर की चिन्ता से अवगत कराया। अभियान से जुड़े अधिकारियों ने भुजल स्तर को बढ़ाकर पूर्व स्थिति में लाने की चुनौती स्वीकार करते हुए ग्रामीणों से सहयोग मांगा। जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के नेतृत्व में ग्रामीणांे द्वारा श्रमदान तथा मशीन के उपयोग से इस चिन्ता का समाधान करने के लिए बिड़ा उठाया गया।
गांव में श्री सांवर लाल मास्टर के कुएं के ऊपरी क्षेत्रा से आने वाला बरसाती पानी एक नाले का रूप ले लेता था। यह नाला अपने साथ खेतों की उपजाऊ मिट्टी बहा कर ले जाता और पीछे छोड़ जाता गड्डों से युक्त अनुपजाऊ खेत। बरसों बरस से चले आ रहे इस भूमि अपरदन के कारण क्षेत्रा के खेतों से फसलों का उत्पादन धीरे-धीरे कम होने लगा। साथ ही बरसाती पानी के तेज गति से बह जाने के कारण भुजल स्तर भी घटने से गांव के कुए सुखते गए जिससे पेयजल का संकट पैदा हो गया।
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की थीम बहते पानी को चलना, चलते पानी को रंेगना, रेंगते पानी को ठहराकर और ठहरे पानी को भुगर्भ में समाहित करना, की परिकल्पना को थौरिया में साकार करने का समय आ गया था। सरपंच श्रीमती गीता देवी, उप सरपंच उगम सिंह, समस्त वार्ड पंच तथा ग्रामीणों ने तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में श्रम और मशीन द्वारा मिनी परकोलेशन टेंक के निर्माण का कार्य 10 दिन में पूर्ण कर लिया। इस टेंक में लगभग एक टीसीएम पानी का भराव हो सकता है। इसके बन जाने से खेतों का कटाव रूकने से उनका उपजाऊपन बढ़ेगा तथा फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी। टेंक के ऊँचाई पर बने होने के कारण उसके तल से नीचे स्थित कुओं का जल स्तर बढ़ेगा। इससे क्षेत्रा में रबी तथा जायद की फसलें लेकर किसान खुशहाली की राह पर आगे बढ़ सकेंगे।

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