भारत विकास परिशद् का 28 वां राश्ट्रीय अधिवेषन आजाद पार्क में

भारत विकास परिशद् दो दिवसीय 28 वां राश्ट्रीय अधिवेषन दिनांक 24 एवं 25 दिसंबर 2016 को आजाद पार्क अजमेर में आयोजित किया जा रहा हैं।
उसी तत्वावधान में आज राश्ट्रीय नैतृत्व द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री सीताराम पारीक, राश्ट्रीय महामंत्री श्री अजय दत्ता, अधिवेषन चेयरमेन श्री मालचंद गर्ग एवं प्रांतीय अध्यक्ष श्री दिनेष कोगटा द्वारा सहभागिता प्रदान की जा रही हैं। प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दूओं में माननीय राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री सीताराम पारीक ने स्पश्ट किया कि भारत विकास परिशद् एक गैर राजनैतिक संस्था हैं जो कि सेवा एवं संस्कार के माध्यम से पूरे देष में अपनी 1200 से अधिक षाखाओं के द्वारा पांच मूल सूत्र ‘‘सर्म्पक, सहयोग, संस्कार सेवा एवं सर्म्पण’’ के द्वारा मानव सेवार्थ कार्यों का संपादन करती हैं। संस्था के विभिन्न स्थाई प्रकल्प पूरे देष में चल रहे हैं जिनमें कोटा का चिकित्सालय, चंडीगढ का डायग्नोस्टिक सैंटर एवं विभिन्न विकलांग केन्द्र इसके उदाहरण हैं। भारत विकास परिशद द्वारा संस्कार के विभिन्न प्रकल्प: गुरु वंदन छात्र अभिनंदन, बाल एवं युवा संस्कार षिविर, संस्कृति सप्ताह, भारत को जानो प्रतियोगिता, राश्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता, महिला सषक्तिकरण षिविर एवं प्रौढ साधना षिविर आदि का आयोजन किया जाता हैं।
अजमेर में आयोजित इस राश्ट्रीय अधिवेषन के द्वारा विभिन्न प्रांतों से पधारे प्रतिनिधियों के मध्य आपसी सम्पर्क एवं सामंजस्य के द्वारा षाखाओं में संपादित विभिन्न कार्यों की आपस में चर्चा एवं विवेचन किया तथा नये आयामों एवं कार्यों को संजोकर, योजना बनाकर उन्हें संपादित करते हैं। यह अधिवेषन भारत विकास परिशद के कार्यों का एक प्रतिबिंब प्रस्तुत करता हैं तथा अजमेर में भारत विकास परिशद का प्रसार करने में सहयोगी होगा।
ऐसे अधिवेषनों का उद्धेष्य देष के विभिन्न प्रांतों से आये प्रतिनिधियों में आपसी सम्पर्क, संस्कृतियों का मेल एवं आपसी जानकारियों से सेवा प्रकल्पों पर विचार की जानकारियॉं प्राप्त करना है। सेवा प्रकल्पों की रिपोर्टांे के माध्यम से संस्कार युक्त प्रोजेक्टों पर विचार कर संपादन करने का लक्ष्य निर्धारित करना है। संस्कार का रूप वायु जैसा हैं जो कहीं भी दृश्टिगोचर तो नहीं होती परन्तु उसके बिना मनुश्य का जीवन पूर्णतः रिक्त ही लगता हैं। भारत की संस्कृति सम्पूर्ण विष्व में एक आदर्ष मार्गदर्षक हैं। अतः भारत विकास परिशद इस संस्कृति का सार्थक वाहक हेै।
इस अधिवेषन में पूरे देष से लगभग 3500 प्रतिनिधी भाग ले रहे हैं जो कष्मीर से कन्याकुमारी एवं मणिपुर से गुजरात की विविधता एवं सांस्कृतिक विषेशता के प्रतिबिंब प्रस्तुत करेंगें।
इस अधिवेषन में प्रथम दिन (24 दिसंबर2016) चार सत्र एवं सायं में राजस्थान की लोक संस्कृति का रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन रखा गया हैं। दूसरे दिन (25 दिसंबर 2016) दो सत्र रहेंगें।
इस अधिवेषन से पूरे देष में सेवा एवं संस्कार की एक ज्योत निरंतर प्रज्जवलित होती रहेगी।

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