संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति द्वारा मजदूर दिवस पर रैली व सभा

सामाजिक सुरक्षा, बेरोजगारी, महंगाई व भ्रष्टाचार से ध्यान न भटकाये सरकार- षिवगोपाल मिश्रा

अजमेर। अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के उपलक्ष में संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति, अजमेर के तत्वावधान में अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए। इसके तहत् रेलवे स्टेषन प्रांगण में आयोजित विषाल आम सभा को केन्द्रीय कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन, जे.सी.एम. (स्टॉफ साईड) के सचिव एवं ऑल इंडिया रेलवे मैन्स फैडरेषन के महासचिव श्री षिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि देष का मजदूर गत 20 वर्षाे से पंूजीवादी वैष्वीकरण की नीति से संघर्षरत है। निजिकरण एवं विदेषी कम्पनियों को आमंत्रित करने के लिए श्रम कानूनों में बदलाव करके मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा को दांव पर लगाया जा रहा है। संगठित मजदूर भी अपने अधिकारों को सुरक्षित नहीं कर पा रहे हैं, असंगठित मजदूरों की स्थिति तो और भी दयनीय है। नई यूनियन बनाने के नियम कड़े कर दिये गये हैं। उद्योगपतियों व पंूजीपतियों को अधिकार दिये जा रहे हैं कि मजदूरों पर हायर-फायर की नीति अपनाकर, उन्हंें कभी भी बेरोजगार बना सकते है। ऐसी परिस्थितियों में संगठित होकर संघर्ष करने का संकल्प ही एकमात्र विकल्प है।
श्री षिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि आज की परिस्थितियाँ और भी विकट हैं। देष से मजदूरों के मुद्दे बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से ध्यान भटका कर धार्मिक और पंूजीवादी मुद्दे हावी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
एआईआरएफ के महासचिव षिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, वेतन भत्तों, वेतन फिटमेन्ट फॉर्मूला के लिए गठित कमेटियों के साथ अनेक बैठक हो चुकी हैं। समय सीमा पार होने के बाद भी सरकार, निर्णय करने में देरी कर रही है, इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। जे.सी.ए. से सम्बन्धित यूनियनों ने सरकार से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि सातवे वेतन अयोग की सिफारिषों में यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया तो देषभर के कर्मचारी पुनः आन्दोलन की राह पकड़ेंगें।
इस अवसर पर नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के महासचिव मुकेष माथुर व अध्यक्ष भूपेन्द्र भटनागर ने सभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि – भारतीय रेल, आम जनता के लिए एक सस्ता, सुलभ और सुरक्षित यातायात का साधन है। इसके विकास के लिए संसाधन जुटाने की बजाय बुलेट ट्रेन के सपने दिखाये जा रहे हैं।
भारतीय रेल देष की गरीब आम जनता को सस्ता, सुलभ व सुरक्षित रेल का सफर तभी मिलेगा जब यह सरकारी उपक्रम रहेगा। लेकिन सरकार द्वारा धीरे-धीरे रेल संसाधनों, रेलवे स्टेषनों, कारखानों एवं गाड़ियों को निजी हाथों में सौंप कर इसे वाणिज्यिक संस्थान बनाया जा रहा है, यह देष हित में नहीं है।
सभा को संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष मोहन चेलानी, समन्वयक सुमित पुटटी, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के अरूण गुप्ता, राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के बदरी प्रसाद शर्मा, गिरीराज उपाध्याय, बैंक यूनियन के रवि वर्मा, राजस्थान रोडवेज यूनियन के बनवारी लाल, बीएसएनएल के बी.पी.शर्मा, मैडीकल रिप्रजेन्टेटिव एसोसिएषन के विजय सिंह, हिन्द मजदूर सभा के भंवर लाल नवलिया, पोस्टल यूनियन के गंगा लहरी मीणा, भवन निर्माण मजदूर यूनियन के गणपत लाल गोरा ने सम्बोधित करके देष के मजदूरों की एकता के संकल्प को दोहराया।
इस अवसर पर मदनसिंह राठौड़, विपुल सक्सैना, झाबर सिंह चौधरी, राजीव शर्मा, एल.एन.मीणा, बलदेव सिंह, जे.एस.कुलेहरी, राकेष लाल, सारिका जैन, श्वेता हैरिष, उषा जैन, मधु खण्डेलवाल, गिरधारी मंडाड, बालमुकन्द सैन, राजकुमार, अखीलेष चारण, रमेष निमेडिया, महेष परमार, तरूण सैनी, वाई.डी.भल्ला, उमेष उपाध्याय भी उपस्थित थे।
सभा कीे अध्यक्षता मोहन चेलानी एवं संचालन अरूण गुप्ता ने किया।
जोष व उत्साह के साथ रैलीः- इससे पूर्व राजकीय महाविद्यालय चौराहे से केसरगंज, बाटा तिराहा, स्टेषन रोड़, मदार गेट, गांधी भवन, होते हुए रैली रेलवे स्टेषन पहँुच कर सभा में परिवर्तित हो गई। रैली में संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति से सम्बन्धित रेलवे, बैंक, बीमा, मैडीकल, बीएसएनएल, पोस्टल, रोडवेज, एचएमटी, लघु उद्योग, भवन निर्माण, आयकर, सीपीडब्ल्यूडी की कर्मचारी यूनियनों के हजारों कर्मचारी, ’’षिकागो के शहीद अमर रहें’’, ’’मजदूर एकता जिन्दाबाद’’, ’’निजीकरण, वैष्वीकरण, मुर्दाबाद’’ के नारे लगाकर अपने जोष व उत्साह को उजागर कर रहे थे।

मोहन चेलानी
अध्यक्ष
संयुक्त श्रमिक समन्वय समिति
अजमेर

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