चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला

पिछले कुछ सालों से चिकित्सा महकमा पूरी तरह से पटरी से उतर चुका है ।ये हम नहीं कह रहे , ये कहना है पूर्व मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ लक्षमण
हरचंदानी का । उन्होंने आरोप लगाया कि उच्च
अधिकारियों की मेहरबानी से दो पदों पर नियमबिरुद्ध कार्य कर रहे सीएमएचओ डॉ के के सोनी और संयुक्त निदेशक अजमेर जोन डॉ गजेंद्र सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार और महिला उत्पीड़न , सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग की तमाम शिकायतों के बावजूद जांच पर जांच और सिर्फ लीपापोती हो रही है।
चिकिस महकमे महिला अदिकारियों की शिकायत पर प्रशासनिक जांच मैं दोषी पाए जाने के बावजूद इन्हें पद पर बनाए रखने वाले अधिकारियो पर भी अब सवाल उठने लगे हैं ।
उन्हें पद से तुरन्त हटाए जाने की मांग करते हुए डॉ लक्षमण हरचंदानी ने सरकार से आग्रह किया है कि प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए । क्योंकि ड्राइवर बेकार बैठे है । सरकारी गाड़ियां खराब पड़ी है । अफ़सर द्वारा प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल घर परिवार की निजी यात्राओं मैं हो रहा है और फ़र्ज़ी टूर भरे जाकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा रहे है ।डॉ सिसोदिया की शह पर लिंग निर्धारण औऱ अवैध् सोनोग्राफी सेंटर की भरमार हो गयी है ।डॉ हरचन्दानी ने जन प्रतिनिधियों की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए आरोप लगाया कि डॉक्टर्स और स्टाफ की पोस्टिंग और डेपूटेशन पर फ़ूड लाइसेंस और जांच के नाम से पैसों का खुल्ला खेल चल रहा है । डॉ हरचंदानी ने बताया कि
सरकार ने मुफ्त दवा मैं करोडों रुपये दे रखे है फ़िर भी सब सेटर तक दवाइयों का टोटा है । गरीब जनता पिस रही है औऱ प्रशासन राजनेता चुप्प है ।

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