चातुर्मास किशनगढ़ का नहीं, पूरे अजमेर जिले का है-सुधासागर महाराज

DSC05913मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव 108 सुधासागर जी महाराज ने कहा कि ये चातुर्मास किशनगढ़ का ही नहीं है, ये पूरे अजमेर जिले का है। अगर किसी को आहार देना है तो उसको किशनगढ़ ही आना पड़ेगा। क्योंकि इस बार अजमेर जिले में दिगम्बर साधू और कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने से बड़ा कोई आपको जी लगाने लगे तो समझो मामला गड़बड़ है। बड़ो से अपने माता-पिता, गुरू से प्रशंसा सुनने का भाव मत रखो। अपने से बड़ा अगर हमारे में कोई कमी निकाले तो ही हमारा भला है, इसमें ही हमारी तरक्की है। ये उद्गार मुनिश्री ने आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर में रविवार को चल रहे प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा तुम 100 में से अगर 80 नंबर भी ले आए तो पिता तो ये ही कहेगा कि 20 नंबर कहा गए। मुनिश्री ने कहा कि अगर हमारे कर्म बंध जाए तो हम उन्हें कैसे काटेंगे। जो साधू तुम्हारा भविष्य जानता है। वो तुम्हें ऐसी दुर्गती से बचने का उपाय भी जानता है। तुम्हें अगर किसी के घर नौकर बनकर झाडू लगाने से बचना हो तो मंदिर में झाडू लगा लो, किसी के घर पानी भरने से बचना हो तो भगवान के अभिषेक के लिए पानी भर लो, महिलाओं को किसी के घर में रसोईयन बनने से बचना हो तो साधू के लिए चौका लगा लो। कैटर्स बनने से बचना हो तो भगवान की पूजा की थाली लगा लो। ऐसा करके हम हमारे कर्म को काट सकते है। मुनिश्री ने कहा कि हमारा कंट्रोल हमारे मन पर भी नहीं है। हम दूसरे पर कैसे कंट्रोल कर सकते है। हम क्या चाहते है और हमारा मन क्या चाहने लग जाता है। जब तुम्हारें मन में किसी के लिए बुरा विचार आए तो सोचना कि अगर उसके मन में भी मेरे प्रति ऐसा विचार आया तो मुझे कैसा लगेगा। तुम ऐसा मत देखों जो तुम्हें देखना नहीं चाहिए, तुम ऐसा मत बोला जो दूसरों के लिए कष्टदायी हो, ऐसा मत सुनो जो तुम्हें सुनना नहीं चाहिए। ये सोच तुम्हारी हो गई तो पूरी दुनिया सुन्दर हो जाएगी। मुनि श्री ने कहा कि जो व्यक्ति जैन कुल में पैदा होकर भी निज अभिषेक व पूजन नहीं करता वो महापापी है।
श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के प्रचार प्रसार मंत्री विकास छाबड़ा ने बताया कि चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन और पाद प्रक्षालन का सौभाग्य रमेश कुमार, संदीपकुमार जैन परिवार बण्डा सागर वालों ने किया। इसके साथ ही मुनिश्री का पूजन, सामयिक, जिज्ञासा समाधान, बच्चों की पाठशाला, आरती आदि दैनिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
इस अवसर पर आर.के. परिवार, निहालचंद पहाडिय़ा, प्रकाश गंगवाल, कैलाशचंद पहाडिय़ा, निरंजन बैद, सम्पतकुमार दगड़ा, नौरतमल पाटनी, स्वरूपचंद छाबड़ा, महेन्द्र पाटनी, भागचंद बोहरा, पारसमल बाकलीवाल, निर्मल पाटोदी, ज्ञानचंद पाटनी, इन्दरचंद पाटनी, शांतिलाल झांझरी, प्रमोद दोषी आदि समाज के लोग उपस्थित थे।

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