अजमेर जिले का चयन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में

अजमेर। भारत सरकार द्वारा उर्वरक (फर्टिलाईजर) अनुदान की राशि सीधे किसानों के खाते में जमा कराने के लिए प्रारंभ की जा रही योजना के प्रारंभिक चरण में देश के चयनित किये गये 10 जिलों में राजस्थान के अजमेर जिले का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया है । आगामी एक नवंबर से अजमेर जिले में इस पायलट प्रोजेक्ट की तैयारियों की क्रियान्विति प्रारंभ होगी।
अजमेर जिले में पायलट प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारियों के लिए जवाहर रंगमंच पर आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसे संबोधित करते हुए भारत सरकार के संयुक्त सचिव फर्टिलाईजर श्री सतीश चन्द्रा ने कहा कि भारत सरकार उर्वरक पर अनुदान केवल काश्तकारों को ही देती है जो कृषि के लिए है परंतु इसका दुरूपयोग कई स्तर पर हो रहा है और किसानों को सीधे तौर पर अनुदान का लाभ नहीं मिल पाता है, इसलिए भारत सरकार ने किसान के बैंक खाते में उर्वरक की अनुदान राशि सीधे जमा कराने का निर्णय लिया है । इसके लिए पूरे देश में 10 जिलों का चयन पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है जिसमें राजस्थान से अजमेर जिले का चयन हुआ है ।
सतीश चन्द्रा ने ”मोबाईल आधारित फर्टिलाईजर मोनिटरिंग सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट, अजमेर ÓÓ कार्यशाला में बताया कि इस योजना के लिए जिले के काश्तकारों को मोबाईल सैट उपलब्ध कराया जायेगा और इसी के माध्यम से काश्तकार उसे फर्टिलाईजर मिलने की सूचना एसएमएस के द्वारा भेजेगा । जिसके आधार पर फर्टिलाईजर सब्सीडी किसान के खाते में जमा हो जायेगी । उन्होंने कार्यशाला में मौजूद सहकारी एवं निजी क्षेत्र के उर्वरक विके्रताओं को संबोधित करते हुए इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि पूरे देश में काश्तकारों को प्रतिवर्ष 80 हजार करोड़ रूपये की अनुदान राशि दी जाती है परंतु कितनी राशि सीधे तौर पर उन तक पहुंच पाती है। उन्होंने इस बात पर चिंता प्रकट की कि कई स्तर पर फर्टिलाईजर तस्करी भी होती है और दूसरे देशों में भेज दिया जाता है । उद्योगों में भी काश्तकारों के इस फर्टिलाईजर का उपयोग किया जाता है । उन्होंने सभी से अजमेर जिले को आदर्श जिला बनाने का अनुरोध किया ।
राजस्थान के रजिस्ट्रार कॉपरेटिव श्री पी.के.गोयल ने कहा कि देश के 10 जिलों में से अजमेर जिले का चयन एक गौरव की बात है जिसका मूल उद्देश्य किसानों को सस्ती दर पर फर्टिलाईजर उपलब्ध कराना है । कम्पनी से फर्टिलाईजर के रवाना होने से लेकर काश्तकार तक पहुंचने की निगरानी मोबाईल के माध्यम से होगी और किसान जब मोबाईल से फर्टिलाईजर पहुंचने का एसएमएस करेगा तभी उसके बैंक खाते में अनुदान राशि स्थानान्तरित कर दी जायेगी । उन्होंने बताया कि नवंबर के प्रथम सप्ताह तक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को मोबाईल सैट उपलब्ध करा दिये जायेंगे। इस योजना के प्रति केन्द्र और राज्य सरकार पूरी तरह से गंभीर है और इसे समयबद्घ कार्यक्रम के रूप में क्रियान्वित किया जायेगा।
गोयल ने कहा कि अजमेर के जिला कलक्टर को जिले के लिए नोडल अधिकारी बनाया है जो किसानों के खाते बैंक में खुलवाकर इस योजना की क्रियान्विति करायेंगे।
अजमेर जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने केन्द्र व राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने अजमेर जिले पर विश्वास व्यक्त कर पायलट प्रोजेक्ट के लिए इसका चयन किया है । उन्होंने विश्वास दिलाया कि ये जिला इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करेगा और इसकी प्रारंभिक तैयारियां भी शुरू की जा चुकी है । नवंबर माह तक सभी ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित कर सभी काश्तकारों को इससे जोड़ा जायेगा।
गालरिया ने कहा कि अजमेर जिले का चयन केरोसिन सब्सीडी के लिए भी किया गया है । जिले के सभी उपभोक्ताओं के खाते बैंक में खोलने का काम यहां तेजी से चल रहा है।
कार्यशाला को आयुक्त कृषि एम.एल.सालोदिया,एनआईसी के तकनीकी निदेशक इकबाल हसन, लीड बैंक प्रबंधक एम.टी.वाधवानी, अजमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक रवीन्द्र पुरोहित, उपनिदेशक कृषि हरजीराम चौधरी ने भी प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन और विशेषताओं पर विचार रखे।

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