सन्धी भाषा मान्यता के लिए निकाली रथ याात्रा का समापन जयपुर में

भारतीय सिन्धु सभा की ओर से राजस्थान सिन्धी अकादमी के सहयोग से सिन्धी मातृभाषा के प्रति सम्मान व जागरूकता के लिये सिन्धी भाषा की मान्यता के स्वर्ण जयंती वर्ष में जन जागरण के लिये राज्यभर में सात संभागीय रथों को 23 दिसम्बर को तीर्थराज पुष्कर से पूजन कर रवाना किये गये। युवा पीढी को भाषा से जोडने के लिये पूज्य सिन्धी पंचायतों, सामाजिक संगठनों के सहयोग से राज्यभर में आयोजन किये गये, 9 दिवसीय यात्राओं का राज्यभर में जनजागरण के पष्चात् समापन 31 दिसम्बर को जयपुर में किया गया। राज्यभर में 110 से अधिक स्थानों पर रथयात्रा की अगवानी में वाहन रैली, कलष यात्रा, छेज डाडियां, षहनाई वादन, बैण्ड बाजों, झूलेलाल बहिराणा की सवारी, स्वागत द्वार लगाकर कर पुष्पवर्षा करते हुये विचार गोष्ठियों का आयोजन किया गया। जगह जगह प्रसादी वितरण के साथ सिन्धी व्यंजनों का वितरण किया गया। रथयात्रा में सिन्धी विषय के अध्ययन की प्रकाषन सामग्री,सिन्धु संस्कृति व सनातन धर्म की जानकारी के साथ सिन्धी भाषा ज्ञान प्रतियोगिता के किताब भी वितरित किये गये। राज्य भर में संतो महात्माओं के आर्षीवाद व कार्यकर्ताओं की मेहनत व लग्न से रथयात्राओं का आयोजन सम्पन्न हुआ।
राज्यभर में रथयात्राओं के पहुंचने पर बहुत ही उमंग व उत्साह से सिन्धी ब्ोली अमर रहे, भारत माता की जय, आयोलाल झूलेलाल के गगनभेदी नारों से माहौल गुंजायान कर दिया। रथयात्राओं के माध्यम से युवा पीढी को भाषा से जोडने व गर्व महसूस का सफल प्रयास हुआ। समाज में भाषा व संस्कृति के प्रति नई जागृति व चेतना का संचार हुआ है।
स्वर्ण जयंती वर्ष का षुभारंभ महामहीम राज्यपाल,श्री कल्याणसिंह जी, राजस्थान के करकमलों से विमोचन कर किया गया है और समापन आगामी 8 अप्रेल, 2018 को जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय महासम्मेलन से किया जायेगा।
ष्षुभारम्भ समारोह
मातृभाषा में ज्ञान प्राप्त करना व अपनी मातृभाषा पर सभी को गर्व करना चाहिये -षर्मा
सिन्धी भाषा जनजागरण के सात संभागीय रथो पुष्कर से धर्मध्वजा फहराकर किया रवाना

सिन्धी भाषा की मान्यता के स्वर्ण जयंती वर्ष में जन जागरण के लिये श्री षांतानन्द आश्रम तीर्थराज पुष्कर से राज्यभर में सात संभागीय रथों को पूजन कर धर्मध्वजा फहराकर रवाना किया गया। इस अवसर पर सभा के मार्गदर्षक कैलाषचन्द जी ने मार्गदर्षन देते हुये कहा कि हमें व्यवहार व आचरण में संस्कार व संस्कृति को समझना चाहिये और बिना सिन्ध के भारत अधूरा है।
रथयात्राओं के षुभारंभ के अवसर पर अखिल भारतीय सिन्धु साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री ष्यामदास,, पुष्कर आश्रम के महंत राममुनि जी, महंत हनुमानराम जी, निर्मलधाम के स्वामी आत्मदास जी, प्रेम प्रकाष आश्रम के सांई ओमलाल षास्त्री, दादा नारायणदास, जतोई दरबार के भाई फतनदास, श्रीराम दरबार अजयनगर के सांई अर्जुनराम ने आर्षीवचन देते हुये कहा कि यह सात रथयात्राओं के सात दिषाओं में जनजागरण से भाषा के साथ सनातन संस्कार पहुंचाने के प्रयास को सभी को मिलकर पूरा करना है और भाषा के ज्ञान परीक्षा से महापुरूषों के जीवन का ज्ञान मिलता है।
केन्द्रीय संगठन मंत्री भगतराम व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने कहा कि 1979 से भारतीय सिन्धु सभा भावी पीढी को भाषा, सभ्यता व संस्कृति से जोडने के प्रयास पूज्य सिन्धी पंचायतो के सहयोग व संतो महात्माओं के आर्षीवाद से कर रही है जिससे अखण्ड भारत की कल्पना, सिन्धी बाल संस्कार षिविरों के साथ्य महापुरूषों की जयंतियां व बलिदान दिवस के कार्यक्रम आयोजित करती है।
सिन्धी अकादमी विद्यार्थियों को भाषा से जोडने में सहयोग करेगी – राजानी
राजस्थान सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष हरीष राजानी ने कहा कि अकादमी प्राथमिकता से विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध करवाना, प्रोत्साहन राषि को बढाकर वितरित करवाना सहित भाषा के जुडाव में पूरा सहयोग करेगी। उन्होने घोषणा की कि राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त होने के बाद मिलने वाले समस्त भत्तों को भारतीय सिन्धु सभा के कार्याें हेतु सहयोग किया जायेगा।
प्रदेष प्रचार सचिव घनष्याम हरवाणी ने बताया कि 9 दिवसीय रथ यात्राओं का प्रदेष भ्रमण के पष्चात् समापन 31 दिसम्बर को जयपुर में किया जायेगा। रथयात्रा में सिन्धी विषय के अध्ययन की प्रकाषन सामग्री, सनातन धर्म की जानकारी के साथ ज्ञान प्रतियोगिता के किताब भी वितरित किये जायेगें। महात्माओं के आर्षीवाद से यह रथयात्राओं का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम का षुभारंभ भारत माता ईष्टदेव झूलेलाल, जगदगुरू श्रीचन्द भगवान, स्वामी हृदयाराम के चित्रों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन से किया गया। स्वागत भाषण प्रदेष उपाध्यक्ष सुरेष कटारिया व आभार महानगर मंत्री महेष टेकचंदाणी ने किया। प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने संचालन किया। सिन्धी गीत मुस्कान कोटवाणी ने किया व अंत में सामूहिक राष्ट्रगान किया गया।

समारोह में म.द.स. विष्वविद्यालय सिन्धु ष्षोधपीठ की निर्देषक डॉ.लक्षमी ठकुर, विभाग प्रचारक धर्मराज जी, विभाग कार्यवाह संजय षर्मा, प्रदेष सह-संगठन मंत्री डॉ. कैलाष षिवलाणी, उदयपुर अध्यक्ष नानकराम कस्तूरी, लीला कृपलाणी, वासुदेव टेकवाणी, जिलाध्यक्ष मोहनलाल आलवाणी, मोहन कोटवाणी, तुलसी सोनी, खेमचंद नारवाणी, कमलेष षर्मा, मनीष ग्वालाणी, रमेष वलीरामाणी, रमेष लखाणी, लक्षमण दौलताणी, प्रकाष मूलचंदाणी, ष्वेता षर्मा, प्रकाष जेठरा, जी.डी.वृंदाणी, षंकर टिलवाणी, भगवान कलवाणी, जयकिषन लख्याणी, हरकिषन टेकचंदाणी, घनष्याम भगत सहित अलग अलग जिला र्इ्रकाई के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर हिंगलाज माता पूजन व नगर भ्रमण-
महानगर अध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी ने बताया कि एक रथ सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर हिंगलाज माता पूजन के पष्चात् हरिभाउ उपाध्याय नगर, आजाद नगर, सिने वर्ल्ड सिनेमा, फॉयसागर रोड पंचोली चौराहा होते हुये संत कवंरराम कॉलोनी स्थित ईष्वर गोविन्दधाम पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पूजा अर्चना ताराचन्द राजपुरोहित ने करवाई। स्वागत महेष सावलाणी, कैलाष लखवाणी नारायण सोनी ने किया।

समापन समारोह
भाषा व संस्कृति को बचाये रखने के लिये संघर्ष करना पडता है महामण्डलेष्वर हंसराम
राज्यस्तरीय सिन्धी भाषा स्वर्ण जयंती सात रथयात्राओं का समारोहपूर्वक समापन

जिस समाज के पास जमीन नहीं होती उसको भाषा व संस्कृति को बचाये रखने के लिये संघर्ष करना पडता है और आप समाज के सजग प्रहरी बनकर भाषा व संस्कृति को युवा पीढी तक पहुंचाने के लिये प्रयासरत है, निष्चित रूप से यह बीज फलीभूत होगा। ऐसे आर्षीवचन महामण्डलेष्वर हंसराम उदासीन, हरिषेवा सनातन आश्रम भीलवाडा ने भारतीय सिन्धु सभा की ओर से राजस्थान सिन्धी अकादमी के सहयोग से सिन्धी भाषा की मान्यता के स्वर्ण जयंती वर्ष में जन जागरण के लिये राज्यभर में 23 दिसम्बर से तीर्थराज पुष्कर से प्रारम्भ हुये 9 दिवसीय सात संभागीय रथों के समापन समारोह जयपुर स्थित ष्याम ऑडिटोरियम में प्रकट किये। उन्होने कहा कि सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा और पवित्र धरती जहां प्राचीनतम सभ्यता संस्कृति का उद्घम स्थल है व वेदो की रचना हुई उसका सदैव स्मरण करना है। सिन्ध प्रदेष है और सिन्धु हमारा सनातन संस्कृति है, जिसे समझना जरूरी है। भारतीय सिन्धु सभा व राजस्थान सिन्धी अकादमी की ओर से सिन्धी भाषा की अलख जगाने व सभ्यता को बचाने के लिये जो प्रयास हो रहे है वह सराहनीय है।
श्री अमरापुर स्थान जयपुर के संत नंदलाल ने कहा कि भाषा व संस्कृति को बढावा देने के लिये जो प्रयास किये जा रहे हैं उसमें प्रेम प्रकाष मण्डल द्वारा भी देष भर में सभी को जोडनें के प्रयास में सहयोग किया जायेगा।
सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के विकास के लिये कटिबद्ध – राजानी
राजस्थान सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष हरीष राजानी कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये कहा कि किसी भी सभ्यता की रीड की हड्डी उसका संगठन एवं भाषा होती है, इसलिये हमें संगठित होकर भाषा के विकास के लिये कार्य करना होगा। अकादमी राज्य के सिन्धी संगठनों के सहयोग से राज्यभर में सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के विकास के लिये कटिबद्ध है एवं पूज्य सिन्धी पंचायतों एवं सिन्धी संस्थाओं के सहयोग के लिये सदैव तत्पर है।
मुख्य वक्ता डॉ. मोहनलाल छीपा पूर्व कुलपति, अटलबिहारी हिन्दी विष्वविद्यालय, भोपाल ने कहा कि अपनी भाषा के प्रति सभी को गर्व करना चाहिए और हमें षोध कार्याें हेतु विद्यार्थियों को सिन्ध के गौरवमयी इतिहास की जानकारी देकर तैयार करना चाहिये और उनके कार्यकाल में महर्षि दयानन्द सरस्वती विष्वविद्यलाय, अजमेर में प्रारम्भ हुई सिन्धु षोध पीठ से सभी को जोडने का आव्हान किया और कहा कि भाषा रहेगी तो ही वजूद रहेगा।
सभा के मार्गदर्षक मा. कैलाषचन्द जी व प्रदेश अध्यक्ष दादा लेखराज माधु ने रथ यात्रा के सफल आयोजन के लिए पूज्य सिन्धी पंचायतों व समाज के सभी संगठनों के सहयोग के लिये धन्यवाद देते हुये इसी तरह आगे भी गतिविधियों में सहयोग की अपील की।

प्रदेष संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि रथ यात्रा के साथ समाज में नई क्रांति का संचार हुआ है। स्वर्ण जयंती वर्ष के समापन पर राज्य स्तरीय एक बड़ा सम्मेलन कराया जायेगा।
प्रचार सचिव घनष्याम हरवाणी ने बताया कि रथयात्रा में सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं को संतो द्वारा अभिनंदन कर आर्षीवाद दिया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण पूर्व कुलपति मनोहरलाल कालरा व आभार सह- संगठन मंत्री डॉ. कैलाष षिवलाणी ने व मंच का संचालन प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया।षुभारम्भ भारत माता, सिन्ध, स्वामी टेउराम, जगद्गुरू श्रीचन्द भगवान केचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन से किया गया व अंत में सामूहिक राष्ट्रगान किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम अजमेर के घनष्याम भगत एण्ड पार्टी ने प्रस्तुत किया जिसे सभी ने सराहा व सामूहिक छेज लगाकर सभी को झुमाकर माहौल को आनंदमयी बना दिया। कार्यक्रम में सभा के प्रदेष पदाधिकारी, राजस्थान सिन्धी अकादमी सचिव ईष्वरलाल मोरवानी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सिन्धी भाषा ज्ञान परीक्षा व पंजीयन 14 जनवरी मकर संक्राति तक बढाया गया-
प्रदेष प्रभारी डॉ. प्रदीप गेहाणी ने बताया कि राज्य स्तरीय सिन्धी भाषा ज्ञान परीक्षा हेतु पंजीयन की अवधि 14 जनवरी 2018 तक बढाई गई है व आनलाइन परीक्षा भी 14 जनवरी तक आब्जेटिव टाईप में रहेगी, जिसका आज षुभारम्भ किया गया।

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