मराठी पाठक मंच की बैठक रविवार को संपन्न हुई । बैठक के सभापति श्री श्यामकान्त देशपाण्डे थे । इस अवसर पर सुधीर देशपाण्डे ने श्री श्रीनिवास ठाणेदार लिखित पुस्तक “ही श्रीं ची इच्छा ” की समीक्षा करते हुए कहा कि इच्छा की प्रबलता के चलते ही सही मार्ग दिखाई पड़ता है और मनुष्य वांछित स्थान को प्राप्त कर सकता है | कैसे एक निम्न-मध्यमवर्गीय बालक संघर्षशीलता के दम पर पढ़ाई जारी रखता है और आगे चल कर अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ उद्यमी होने का गौरव प्राप्त करता है यह प्रेरक जीवन कथा है श्री श्रीनिवास ठाणेदार की!
सर्वश्री रवीन्द्र शनि, वसन्त पेण्डसे, गणेश जोशी, श्रीकृष्ण दीक्षित, गोविन्द शर्मा, व अन्य सदस्यों की उपस्थिति में सर्वश्री मनोज अनन्त कुळकर्णी, विपुल कुळकर्णी, अनिकेत पेण्डसे ने अपने विचार व्यक्त किये.
सत्र और सूत्र संचालन व संयोजन आनन्द पेण्डसे का था, श्री सुधाकर जोशी ने मराठी पाठक मंच की ओर से आभार प्रदर्शन किया |
आनंद देशपांडे
संयोजक