24 वां सड़क सुरक्षा सप्ताह सूचना केन्द्र में संगोष्ठी आयोजित

अजमेर। परिवहन एवं यातायात पुलिस विभाग द्वारा आयोजित 24 वें सड़क सुरक्षा सप्ताह में आज सूचना केंद्र के सभागार में अजमेर की यातायात व्यवस्था को जनसुविधापूर्ण एवं सूचारू बनाये रखने के लिए संगोष्ठी आयोजित हुई।
जिला परिवहन अधिकारी एस.के.नामा ने अजमेर शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए नागरिकों से प्रतिदिन वाहन चालन में प्रशिक्षित होने और यातायात नियमों के पालन की जरूरत की आवश्यकता पर जोर देते हुए इसे सामाजिक सराकारों से जोड़ा। उन्होंने कहा कि अजमेर शहर की सड़कें, यातायात के संसाधन उतने ही हैं, जितने लगभग 10 साल पहले थे। प्रतिवर्ष 3 हजार वाहन अजमेर की सड़कों पर उतरते हैं, दूसरी ओर अजमेर में पढऩे वाले बच्चों की संख्या ज्यादा है और उनका समय एक ही है, वैकल्पिक मार्ग बनाने के प्रयत्न भी किये गये, नागरिक युवा अपनी बाइक वाहन को जैसे मछली पानी में तैरती है ऐसी लापरवाही से सड़कों पर चलाते हैं ऐसी स्थिति में अजमेर यातायात व्यवस्था का नेटवर्क किस प्रकार जनसुविधापूर्ण बने इसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की बात भी कही।
उन्होंने अजमेर शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए एक सबके लिए सब एक लिए, स्टे अलाईव डोन्ट ड्रिंक एंड ड्राइव आदर्श को जीवन में उतारने की बात कही। डॉ. बृजेश माथुर ने वाहन चालकों में होने वाली मोतियाबिंद, रतौंधी, कालापानी, टनल वि$जन, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, रीढ़ की बीमारी आदि के बारे में जानकारी दी और कहा कि चिकित्सकों को चाहिए की वे इन सब बीमारियों का परीक्षण कर ही उसे ड्राइविंग के लिए उचित प्रमाण पत्र दें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ड्राइवर के पहचान पत्र पर उसकी बीमारी का नाम भी लिखा जाए। उन्होंने वाहन चालकों से भी अपेक्षा की कि वे अपनी रोजी रोटी के लिए गलत सूचना देकर दूसरों के जीवन को खतरे में नहीं डालें।
मित्तल चिकित्सालय की डॉ. मिनल खासगीवाला ने दुघर्टना होने के पश्चात घायल व्यक्ति को अस्पताल में उपचार के लिए लाए जाने तक की अवधि में उसके प्राणों की रक्षा के लिए दिये जाने वाले प्राथमिक चिकित्सा उपचार के बारे में विस्तार से बताया। रोटरी क्लब मैट्रो की ओर से श्रीमती रागिनी चतुर्वेदी ने भी अजमेर की यातयात व्यवस्था को अच्छी बनाने के संबंध में सुझाव रखे।
उपपुलिस अधीक्षक यातयात जयसिंह राठौड़ ने कहा कि वाहन चालक स्वस्थतम व्यक्ति होना चाहिए। उन्होंने असावधानी से होने वाली दुघर्टनाओं के बारे में सावचेत किया और इसमें सभी के सहयोग की जरूरत बताई। उन्होंने अभिभावकों से भी अपेक्षा की कि वे अपने बच्चों को अनुशासन में रखें। संगोष्ठी में यातायात पुलिस के किशोर कुमार, जगदीश विश्नोई, भूराराम एवं अन्य पुलिस कर्मियों, परिवहन विभाग के अधिकारियों एवं लगभग 150 वाहन चालकों ने भाग लिया।

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