कागज के राष्ट्रीय ध्वज फहराये जा सकते हैं, प्लास्टिक के नहीं

अजमेर। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निदेशक श्यामला मोहन ने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक एवं खेलकूद आयोजनों, समारोहों के अवसरों पर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भारतीय झण्डा संहिता के प्रावधान के अनुरूप जनता द्वारा केवल कागज से बने झण्डों का ही प्रयोग किया जाये । समारोह के पूरा होने के पश्चात् ऐसे कागज के झण्डों को न तो विकृत किया जाये और न ही जमीन पर फेंका जाये । इनका निपटान उनकी मर्यादा के अनुरूप एकान्त में करने के निर्देश जारी किये हैं।
इस संबंध में जारी परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि कागज के बने झण्डों को हाथ में लेकर हिलाया जा सकता है किन्तु ऐसे कागज के झण्डों को समारोह के बाद विकृत नहीं किया जायेगा और न ही जमीन पर फेंका जायेगा।

प्लास्टिक के झण्डों का प्रयोग नहीं करें
परिपत्र में राष्ट्रीय पर्व समारोह में प्लास्टिक से बने ध्वजों का प्रयोग नहीं करने को कहा गया है । इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि प्लास्टिक के ध्वज पर्यावरण व वातावरण की दृष्टि से हानिकारक होने और जैविक अपघट्य कभी नष्ट नहीं होने से राष्ट्रीय गरिमा प्रभावित होती है। ऐसे झण्डों का प्रयोग नहीं करें।

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