अन्ना को अब पूर्ण विश्राम ले लेना चाहिए

rajendra singh hira thumb-राजेन्द्र सिंह हीरा- जहाँ तक अन्ना जी को थोडा बहुत मैं समझ पाया हूँ , उसका लबोलुबाब यह है कि अन्ना जी ने अपने 30 साल के आंदोलनों में नए नए मुकाम तय किये. हर आंदोलन में उनका मकसद , उनकी टीम अलग होती थी. मकसद पूरा होने पर वे आगे बढ़ जाते थे , किसी नयी राह पर , नए साथियों के साथ. पहली बार ऐसा हुआ कि जनलोकपाल आंदोलन में अन्ना जी से असहमत होकर अरविन्द केजरीवाल ने राजनीति का रास्ता इख्तियार किया और अन्ना चले गए आंदोलन की राह पर. रामलीला मैदान और जंतर मंतर के अनशन से अलग जब अन्ना ने मुम्बई में अकेले सभा की तो पहली बार जनता नदारद थी. अभी कुछ महीनों पहले अन्ना जी ने जनमत यात्रा की. इसका संचालन जनमोर्चा कर रहा था. अन्ना जी की इस यात्रा के अजमेर में संचालन का निमंत्रण सर्वप्रथम मुझे मिला. साथ में यह ताकीद भी की गयी “आम आदमी पार्टी ” का कोई नाम सामने नहीं आएगा. यहाँ तक कि बैनर ,बिल्ले, टोपी तक की मनाही कर दी गयी. मैंने स्पष्ट तौर पर मना कर दिया. बाद में दिल्ली के किन्हीं नवीन चौहान जी से बात हुई , तो मैंने उनसे कहा कि नवीन जी, अन्ना जी की यात्रा का सारा खर्च व बंदोबस्त “आप ” के कार्यकर्त्ता करें, वित्तीय संसाधन भी जुटाएं पर “आम आदमी पार्टी ” का कहीं भी नाम नहीं आये क्यों ? मैंने नवीन जी से कहा कि यह सब अन्ना जी या उनका जनमोर्चा संगठन अपने बूते क्यों नहीं करता ? माफ़ करना मैं आम आदमी पार्टी का सदस्य हूँ और मेरी निष्ठां मेरी पार्टी के साथ ही रहेगी. मतलब अन्ना जी राजनितिक पार्टीयों से अपने लिए सहयोग तो चाहते हैं , पर उन्हें श्रेय देना नहीं चाहते हैं. अन्ना की यह यात्रा भी विशेष सफल नहीं रही. रही सही कसर पूरी कर दी अरविन्द जी की दिल्ली विधानसभा में 28 सीटों पर सफलता प्राप्ति ने. अरविन्द और आम आदमी पार्टी का नाम होने लगा. गुरु गुड रह गया चेला शक्कर हो गया. अरविन्द जी की सफलता अन्ना जी पचा नहीं पा रहे. यह पहली बार हुआ जब उनके आंदोलन में कोई उनसे बाज़ी मर ले गया औए वे पिछड़ गए. अरविन्द जी भले ही अन्ना को पिता सामान और “आप ” अन्ना जी की बुज़ुर्गियत को सम्मान देती रही पर अन्ना के मन में अरविन्द और “आप ‘ के लिए तल्खी बदती गयी. नतीजा पिछले दिनों अन्ना ने गोपाल राय जी को रालेगण से जाने को कह दिया. वे जिन लोगों से घिरे रहते हैं उनके समझने का भी उन पर असर हुआ है. जीत की छह में इंसान कभी गलती भी कर बैठता है. वही अन्ना कर रहे हैं. श्रेय लेने की खातिर अन्ना ने सरकारी लोकपाल को मंज़ूर कर लिया है. पर इसके बढ़ अन्ना जी की छवि गौण हो जायेगी. कम से कम भविष्य में वे इसमें कोई संशोधन करवाने लायक नहीं रहेंगे. शायद इसके बढ़ अन्ना जी का करियर ही समाप्त हो जाये क्योंकि अन्ना के विचार अब उतने सुदृढ़ नहीं रह गए हैं यही वज़ह है कि इसका फायदा उनके आस पास के लोग उठा रहे हैं. मेरे विचार से अब उन्हें पूर्ण विश्राम ले लेना चाहिए. ——–जयहिन्द

1 thought on “अन्ना को अब पूर्ण विश्राम ले लेना चाहिए”

  1. अच्छी ईमानदार छवि के लोगों, ऐसी संस्थाओं से जो जनहित में काम कर रही हैं , ऐसे संगठनों से जिनका ध्येय लोगों की भलाई करना है , जो भ्रष्टाचार व साम्प्रदायिकता के खिलाफ हैं उनसे मेरा आव्हान है कि आइये और “आम आदमी पार्टी ” से जुड़कर एक ऐसा मंच बनाने में हमारी मदद करें जहाँ से हम सब मिलजुल कर देश की सेवा कर सकें. संपर्क करें :—-राजेंद्र सिंह हीरा मोबाइल नम्बर 9269159136 ——-धन्यवाद एवं जयहिन्द

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