क्या दलित समुदाय के अच्छे दिन आयेंगें?

noratram loroliभारत, जहां की सबसे बड़ी आबादी दलित समुदाय है। लेकिन जितनी बड़ी आबादी है
उससे कई ज्यादा इन पर अत्याचार हो रहे,यह बात सभी जानते है।
चाहे सरकार किसी भी राजनैतिक दल की हो,लेकिन दलित समुदाय पर अत्याचार कम
नही हुये। अभी कुछ दिनों में घटी अलग-अलग राज्यों में घटनाएं इस प्रकार
है- गुजरात जहां भाजपा की सरकार है,एक दलित नाबालिग लड़की को जिंदा जला
दिया गया, हरियाणा जहां कांग्रेस की सरकार है, भडाना गांव चार बालिकाओं
से सामुहिक दुष्कर्म हुआ ,चारों पीडिता परिवार के साथ इसांफ के लिए
दिल्ली के जँतर मंतर पर लगातार  धरना दे रही है और उत्तरप्रदेश जहां
समाजवादी पार्टी की सरकार है, बदायूं काण्ड जहां दो नाबालिग लडकियों की
दुष्कर्म के बाद पेड़ लटका दिया गया।
अर्थात् हम कह सकते है कि सरकार किसी की भी हो दलित समुदाय पर अत्याचार
कम नही हुए। क्या राजनैतिक दल इस समुदाय को सिर्फ वोट बैंक समझते है?
क्या कभी दलित समुदाय के अच्छे दिन आयेंगे.
-नोरतराम लोरोली
राष्ट्रीय मेघवाल युवा छात्र संगठन राजस्थान-प्रदेश

1 thought on “क्या दलित समुदाय के अच्छे दिन आयेंगें?”

  1. सब को अच्छे दिनों इन्तजार है ,खुद बिना कुछ किये मुहँ बाये ऊपर की और देख रहे हैं , सब के लिए अच्छे दिन भी अलग अलग हैं मोदी के अच्छे दिन आएंगे कथन का अभिप्राय हर व्यक्ति समाज संगठन ने अपनी व्यक्तिगत जरूरतों से भी जोड़ दिया है मसलन आज यदि बस में जगह नहीं मिली , ट्रैन आधा घंटा लेट हो गयी एक समय किसी कारण वश घर में पानी नहीं आया मंडी में श्रमिकों की हड़ताल वश बोली न लगी प्याज के भाव एक रुपये किलो बढ़ गए आदि आदि तो मतलब अच्छे दिन आने वाले नहीं जो थे वे भी चले गए जिस बात को व्यापक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत थी व है उसे बस एक जुमले से जोड़ दिया जाता है , जोड़ा भी जा रहा है किसी को भी धैर्य नहीं एक माह में सब को अच्छे दिनों का इन्तजार है अगर बदली सरकार से इतनी शीघ्र अपेक्षाएं हैं तो गत सरकारों हम क्यों इतने सालो सिर पर ढो रहे थे व कोई आवाज नहीं उठा रहे थे ?

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