
हुकूमत के “D B D N” हो या , सड़क में किन्नर का रोल या फिर इश्क में पिता की भूमिका हो या ऑंखें का भुल्ल्कड़ इन्स्पेक्टर ..
इन जैसी अनेक फिल्मों में उन्होंने अपने शानदार अभिनय / एक्टिंग के दम पर सफलता हासिल की थी..
श्री सदाशिव अमरपुरकर का जन्म महाराष्ट्र के अहमद नगर में 11 मई 1950 को हुआ था..उनकी पत्नी का नाम शीना और बेटी का नाम रीमा हैं..
लगभा तीन सौ पचास हिंदी, पच्चीस मराठी, पांच बंगाली और एक उडिय़ा फिल्म में अभिनय कर चुके मशहूर खलनायक सदाशिव अमरापुरकर का बॉलीवुड से मोहभंग हो गया था।
पूरे दो साल तक अमेरिका में एक गुमनाम-सी जि़ंदगी बिताने के बाद वह वापस लौटे थे ।
उन्होंने जीटीवी के सीरियल ‘शोभा सोमनाथ की’ में एक तांत्रिक रूद्रभद्र का चरित्र निभाया था , जो कि इस सीरियल का सबसे बड़ा खलनायक है। वह एक ऐसा खलनायक है, जिसने मोहम्मद गजनवी को प्रभास पाटन नगरी के अंदर घुसने तथा सोमनाथ मंदिर को लूटने में मदद की थी।
इसके अलावा उन्होंने अमाल अलना निर्देशित सीरियल ‘राज से स्वराज तक’ के चार एपीसोडों में लोकमान्य तिलक का किरदार निभाया था।
इसके अलावा श्याम बेनेगल निर्देशित सीरियल ‘ डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ के चार एपीसोडों में ज्योतिबा फुले का चरित्र निभाया था। उन्होंने एक मराठी सीरियल ‘कुलवधू’ भी अभिनय किया था ।
इनके अलावा उन्होंने तुकाराम के भजनों पर आधारित चार सौ साल पुराना एक नाटक किया था जिसमें संगीत व नृत्य भी था।
में उनका फेन / प्रशंसक हुआ करता था ..
मेरे पास आज भी उनके लेटर और ऑटोग्राफ वाली सभी फोटो सुरक्षित राखी हुयी हैं ,जो हमें डाक द्वारा 1990 से 1995 के बीच प्राप्त हुई थी..
ईश्वर उनको अपने चरणों में जगह देखर उन्हें स्वर्ग में स्थान प्रदान करें, यही प्रार्थना हैं…
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
राष्ट्रिय महासचिव-भगवान परशुराम राष्ट्रिय पंडित परिषद्
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