गीता राज की सिंधी रचना का देवी नागरानी द्वारा हिंदी अनुवाद

मूल सिन्धी : गीता राज
Geeta Rajकरमु
तो चयो हो, तो प्यारु कयो हो
भीख न घूरी हुई
शम्अ जो कमु आहे बरणु
ऐं परवाने जो जलणु
परवाने जी कुर्बानी कींअ थी?
तो चयो हो
मुहिंजे मुँह में चांडाण जो चिमको आहे।
लफ़्ज़न नें माखीअ जो मेठाजु
इहा कुदुरत जी देन आहे
तो चयो हो,
इक़रार टुटण लाइ थींदा आहिन
जफ़ा, वफ़ा जो अगलो कदमु आहे
तो साथु न निभायो
हू तुहिंजों करमु, ही मुहिंजों करमु
तूँ बि खुश, माँ बि खुश !
पता: गीता राज दासानी, लंदन
33 cheyne walk , LONDON nw4 3Qh।, U.K Ttel: 0208 2038700

हिन्दी अनुवाद: देवी नागरानी
Devi nangraniकर्म-
तुमने कहा था-
तुमने प्यार किया था
भिक्षा नहीं मांगी थी
शम्अ का काम है जलकर
परवाने को जलाना, यह
परवाने की कुर्बानी कैसे हुई?
तुमने कहा था-
मेरे चेहरे पर चाँदनी की चमक है
लफ़्ज़ों में शहद की मिठास,
यह क़ुदरत की देन है।
तुमने कहा था-
इक़रार टूटने के लिए होता है
जफ़ा, वफ़ा का अगला क़दम है
तुमने साथ नहीं निभाया
मैंने निभाया तो क्या हुआ?
वह तुम्हारा कर्म
यह मेरा कर्म
तुम भी ख़ुश
मैं भी ख़ुश!
पता; ९-डी॰ कॉर्नर व्यू सोसाइटी, १५/ ३३ रोड, बांद्रा , मुंबई ४०००५० फ़ोन: 9987938358

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