भारत देश आज भी सोने की चिड़िया है ?

जब भी कभी अकेली बैठती  हु , तो रह रह कर देश के बारे मे सोचने पर मजबूर हो जाती हु . कभी सोने की चिड़िया कहा जाने वाला हमारा” भारत  देश ” आज  भी सोने  की चिड़िया है ??
– फिर लगता है नहीं , क्योकि  आज इस देश के कई लालची  भ्रस्ट नेता अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए इसे  नोच नोच कर खा रहे  है .
– जिस आज़ाद उन्नत  स्म्र्दिशील  भारत की कल्पना  करते हुए हमारे शहीदों ने अपने प्राण  बलिदान  किये  थे . क्या वो  सार्थक हुए ???
– नहीं हम उनेह  सिर्फ १५ अगस्त  को याद करते है और भूल जाते है
-क्या बाल गंगा धर तिलक , भगत सिंह , चन्द्रसेखर  आज़ाद , और भी कई क्रांतिवीरो  ने उन्नत भारत के लिया अपने प्राण त्यागे थे. विदेसी ताकतों  से हमें आज़ाद करवाया था
कुछ पल तो लगता है सही किया था , पर अब लगने लगा है की ,
वो आज़ादी कही थम सी गयी है . क्योकि पहले हम अंग्रेजो  के   गुलाम थे . और अब
अंग्रेजी विचारधारा  के लोगो के गुलाम ….,.. कही ना  कही तो गुलामी आज भी है
-जानते सब है पर किसी मे आवाज उठाने की हिम्मत नहीं .
– और यदि  कोई आवाज उठता  है तो उसे वही कुचल दिया जाता है
-हमें हमारे ही देश मे   अधिकारों  की भीख मंगनी पड़ती है , जो क़ि नसीब  वालो  को ही मिल पाती है
-ऐसा क्यों हो रहा है  ये भी सोचने वाली बात है ??
-वो इस लिया हो रहा है क़ि इस महान भारत क़ि सत्ता  तो भारतीय  के हाथ  मे है , पर वो कठपुतली क़ि तरह एक फिरंगन  के हाथो नाच रहा है
-सरे देश मे आतंक , भ्रस्टाचार , लुट पाट मची हुई है , फिर भी फिरंगन  शांत है वो जानती है क़ि  ऐसे देशवाशियों  को किस तरह से बर्बाद कर के खुद क़ि हुकूमत चलानी है
– आज सच मे हमें उन महान शहीदों  क़ि आत्मा  हमें धिकारती होगी  क़ि इस लिया हमने अपनी क़ुरबानी  दी थी
किसी ना सही कहा है
” दर्द सहते रहे ,  छटपटाते  रहे … आईने से सदा चोट खाते रहे .
ये वतन बेच कर मुस्कुराते रहे , हम वतन के लिए सर कटाते रहे
तो जागो नोजवानो  आज फिर तुमेह देश पुकार रहा है , यदि आज नहीं जागे तो फिर कभी सुबह का इंतज़ार मत करना
फिर भी मेरा भारत महान

-वनिता जैमन
भाजपा नेत्री

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