वाट्सअप ग्रुप बने सिरदर्द

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी

इन दिनों वाट्सअप का चलन कुछ जरुरत से ज्यादा ही होने लगा हे और इसके दुष्परिणाम भी आने शुरू हो गए हे ।
वाट्सअप पे कुछ सकारत्मक कार्य भी होते हे जिनसे आम आदमी को तुरंत राहत भी मिलती हे किन्तु उस कार्य का प्रतिशत बहुत ही कम हे ।
कुछ लोगो ने जरूर इसे कमाई का जरिया बना रखा हे ।
लोग बिना सोचे समझे खबर और फोटो को आगे से आगे फारवर्ड करने में रहते हे जिसकी सच्चाई का इन्हें खुद को भी पता  नहीं रहता हे । कोनसी खबर किस जिले और राज्य की हे कितनी पुरानी हे उससे कोई लेना देना नहीं बस भेजने में अपनी अक्लमंदी दिखाते हे ।
कभी किसी दुर्घटना का कभी किसी फ़िल्मी हीरो की मृत्यु का कभी कोई अन्य खबर ऐसे भेजते हे जेसे उक्त घटना अभी अभी घटित हुई हे और साथ में लिखते हे तुरंत आगे भेजे । कुछ धार्मिक मेसेज तो कई कई महीने पुराने होते हे मात्र अफवाह होते हे जीनहे भी अपने अपने शहर का नाम जोड़ के मेसेज भेजते हे और निचे लिखते हे आपको कसम हे इसे जरूर आगे भेजे तो कभी किसी मेसेज में लिखा आता हे की आप मर्द हे तो मेसेज आ्गे भेजे ।
इससे सबसे ज्यादा तो समय की बरबादी होती हे । इसका सबसे ज्यादा तो नुक्सान आपके रोजगार का हुवा हे बार बार मेसेज टन बजती हे तो देखने की इच्छा बलवती हो जा जाती हे और जब एक बार देखने बेठे तो पता नहीं कितना समय हम उस पे निकाल देते हे ।
सबसे ज्यादा कमाई किसी ने की हे तो वह हे इंटरनेट पैक बेचने वाली दूरसंचार कम्पनियो ने बड़े ही गुप चुप तरीके  से इंटरनेट के प्लान में बदलाव कर देते हे और पैसे बढ़ा देते हे और डाटा लिमिट और समय कम कर देते हे उपभोक्ता जिसको वाट्सअप की लत लग गई हे उसे मजबूरन नेट रिचार्ज कराना ही पडेगा ।
आज भी वाट्सअप चलाने वाले 90 प्रतिशत लोग बिना मतलब के इसे चला रहे हे केवल इसलिए की कही मेरे रिस्तेदार और मित्र मुझे पुराने विचारो वाला या कंजूस ना समझे । वहं किसी भी सूरत में खिड़को इनसे पीछे नहीं रखना चाहता ।
एक ही मेसेज को दिन में कितनी ही बार देखना पड़ता हे सभी ग्रुप से जुड़े लोग मेसेज भेजने में पीछे नहीं रहना चाहते हे ।
हेमेन्द्र सोनी ब्यावर

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