मेरे विचार या आज का चिंतन

संतोष गंगेले
संतोष गंगेले
आदरणीय मित्रो आप मान सम्मान चाहते है ,आप यह भी चाहते है की आपकी समाज में प्रतिष्ठा हो ,आपको हर कोई पहचानें ,आपके हर गली ,मोहल्ले ,समाज ,जिला या प्रदेश में चर्चे हो, आप यह भी चाहते है की आपको अधिकारी ,नेता ,मित्र आपको सम्मान दे ,आप जहाँ भी पहुंचें आपको लोग खडें होकर आपकी आगवानी करें ,आप समाज के प्रमुख्य पदों पर हो ??? यदि आप सभी यह चाहतें है तो मेरी नजर में आपको सबसे पाहिले अपना सुधार करना होगा। अपना सुधार संसार का सबसे बड़ा सुधार है , आपको क्रोध पर नियंत्रण करना होगा , आपको अपने अंदर मानवता ,करुणा ,दया ,सत्य ,परोपकार ,को स्थान देना होगा ,आपको अपने से बड़ो का आदर सम्मान करना होगा। आपको अपनी वाणी को संयम में रखना होगा। पीड़ित परेशान ,दुःखी की मदद करना होगी ,समरसता को स्थान देना होगा , अपराधो से दूर रहकर सामाजिक कार्यो के जीवन में स्थान देना होगा। चुगली ,चोरी ,कुदृष्टि से बचकर ही जीवन जीना मानव धर्म है। सामाजिक व्यक्ति को कितना त्याग करना होता है जब कहीं जाकर लोग उन्हें आदर सत्कार ,सम्मान ,मंच देते है। यदि आप हमारी बुराइयां को खेजेगे तो आपका जीवन बुरे कार्यो की ओर बढ़ रहा है। यही विचार है , ब्यक्ति को सन्देश दो ,शासक मत बनो। परिणाम व सजा प्रकृति पर छोडो।
आप अपने लिए कितना समय देते है , आप कैसा जीवन जीते है इस पर प्रतिदिन चिंतन कर अपने जीवन को सामाजिक बना सकते है। आरोपों को लगाने के पूर्व उनके परिणामो पर भी चिंतन करे। मै एक मानव हूँ ,मेरे भी अपराध है , मैंने उनको सुधारा है ? अपने जीवन को जीने की कला अपने महापुरुषों के जीवन को पढ़ कर सीखने के प्रयास किया है। आप अपने जीवन को आज से ही परिबर्तन करने का संकल्प ले , अभी से चमत्कार देंख सकते है। .

संतोष गंगेले -प्रदेश अध्यक्ष
गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब मध्य प्रदेश
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