बदलते सपने
एक सपना था बड़ा होने का।
माँ की तरह तैयार होने का,
माँ बन, ममता लुटाने का॥
एक सपना था कुछ करने का,
जग में नाम-शौहरत कमाने का,
अखबारों की सुर्खियों में छा जाने का॥
अब सपना है बुद्ध सा बनने का,
मोह माया से पूर्णत: विरक्त होने का
सब कुछ छोड़ स्वंय में खो जाने का॥
देखा ! वक्त के साथ-साथ कैसे बदलते हैं सपने॥
पता: लेक्चरार हिन्दी, राइस यूनिवर्सिटी, ह्यूस्टन, टेक्सास, USA
सिन्धी अनुवाद : देवी नागरानी
बदिलजंदड़ सपना
हिकु सपनो हो वडे थियण जो
माऊ वांगुर तियारु थियण जो,
माऊ बणजी, ममता लुटाइण जो ॥
हिकु सपनो हो कुछ करण जो
जग में नालो-शोहरत पाइण जो,
अखबारुन जी सुर्खियुन में छाइजी वजण जो॥
हाणि सपनो आहे बुद्ध जाहिडो बणजण जो ,
मोह माया मां पूरी तरह विरक्त थियण जो
सब कुछ छडे पाण में गुम थी वञण जो
डिसु! वक्त सां गड़ु-गड़ु कींअ था बदलजन सपना॥
पता: 480 W, surf St. Elmhurst IL, 60216