कपिलदेव पालीवाल: एक समर्पित जन सेवक

आलेख: लखन सालवी
सभी फोटो: हेमन्त सोनी

विधायक व प्रधान से सम्मानित होते कपिलदेव
विधायक व प्रधान से सम्मानित होते कपिलदेव
शौचालय बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करते हुए कपिलदेव
शौचालय बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करते हुए कपिलदेव
ग्रामीण के घर पर शौचालय के लिए गड्ढ़ा खोदते हुए कपिलदेव
ग्रामीण के घर पर शौचालय के लिए गड्ढ़ा खोदते हुए कपिलदेव
जैविक खेती के लिए विशेषज्ञों से चर्चा करते हुए
जैविक खेती के लिए विशेषज्ञों से चर्चा करते हुए
खेत पर वर्मी कम्पोस्ट दिखाते हुए किसान
खेत पर वर्मी कम्पोस्ट दिखाते हुए किसान
गोगुन्दा पंचायत समिति क्षेत्र की मजावड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच है कपिलदेव पालीवाल। इन्होंने पिछले पंचायतीराज चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान छपवाएं गए पोस्टर के माध्यम से इन्होंने अपील की थी कि ‘‘युवा, जुझारू, कर्मठ व सेवाभावी कपिलदेव पालीवाल को वोट देवें’’ ग्रामीणों ने इस युवा को वोट दिए और सरपंच निर्वाचित किया। सरपंच बनने के बाद से यह युवा सरपंच जुझारू होकर, पूरी कर्मठता से ग्राम पंचायत क्षेत्र में विकास करवा रहा है। इन्होंने पोस्टर पर अपने लिए लिखे कथ्य को सत्य कर दिखाया है। उनका कहना है कि मुझे सरपंचाई करने का यानि ग्राम विकास करने का अवसर मिला है। मैं पूरी लगन के साथ गांव में विकास करवा रहा हूं। कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है। बस जिद है गांव की सूरत बदलने की।

ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित करवाया
कपिलदेव पालीवाल को हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया गया। उपखण्ड स्तर पर आयोजित 70वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान विधायक प्रताप गमेती व प्रधान पुष्कर तेली ने उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान ग्रामीणों सहित उपप्रधान पप्पू राणा भील, गोगुन्दा सरपंच गागू लाल मेघवाल, उप सरपंच दया लाल चौधरी, पंचायत समिति सदस्य डी.सी. मेघवाल, भाजपा मण्डल अध्यक्ष प्रकाश पुरोहित सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
मजावड़ी ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित करवाने यानि की ग्राम पंचायत क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए आजाद ख्याल युवा सरपंच कपिलदेव पालीवाल को सम्मानित किया गया। पालीवाल ने अपनी ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने का बीड़ा उठा रखा है। उन्होंने बिना इसकी घोषणा किए ग्राम पंचायत क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना आदर्श बताते हुए सरपंच पालीवाल कहते है कि ग्राम गणराज्य का सपना तब ही संभव है जब सकारात्मक सोच के साथ ग्रामीणों की भागीदारी से गांवों में विकास कार्य हो। ग्राम विकास की बुनियाद गांव के ग्रामीण है। ग्रामीण बताते है कि सरपंच पालीवाल ग्राम पंचायत के विकास के लिए ग्राम सभा की बैठक व कोरम की बैठक के अलावा भी गांव में, फलों में एवं मोहल्लों में बैठकें करते है। ग्राम विकास के लिए दिशा प्रदान करते है और हमारी राय लेते है। वे सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी करते है।
सही मायने में एक जनप्रतिनिधि में पालीवाल जैसे गुणों का होना अत्यंत आवश्यक है। अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य करवाने से पहले ग्रामीणों के साथ बैैठक कर उसके बारे में जानकारी लेते-देते है और आम सहमति बनाते है, इसी का नतीजा है कि ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त हो पाई हैं। इस उपलब्धि के बारे में सरपंच का कहना है कि खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए सबसे पहले गांवों के लोगों की सहमति ली। कई लोगों को शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया। गांव के लोगों को शौचालय बनाने के लिए तैयार करना आसान नहीं था। इसके लिए दिन-रात लगना पड़ा। जो लोग शौचालय बनाने की शुरूआत नहीं कर रहे थे। उनके घरों पर जाकर खुद ने खड्डे खोदे। लोगों को प्रेरित करने के लिए समय-समय पर ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को भी बुलाया। उपखण्ड अधिकारी ने गांव में घूम कर लोगों को शौचालय बनाने का संदेश दिया वहीं विकास अधिकारी बीरबल सिंह जानू ने भी गांव में पहुंच कर लोगों के घरों में खड्डे खोदकर उन्हें शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित किया।
कई मुश्किलों के बावजूद भी सरपंच पालीवाल ने अपनी सूझबूझ व वाकपटुता के जरिए लोगों को प्रेरित कर शौचालय निर्माण के लिए तैयार किया। ग्राम पंचायत क्षेत्र में कुल 1270 परिवार है। 1000 से अधिक परिवारों ने शौचालयों का निर्माण करवा लिया है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि सब्सिड़ी की राशि अभी तक नहीं मिल पाई है।

नई परम्परा: बेटी के जन्म पर माता लगाती है पेड़
सरपंच ने पौधे लगाने की मुहिम भी चलाई। बेटी के जन्म होने पर पेड़ लगाने की परम्परा चालू हुई है। वन महोत्सव के अवसर पर प्रतिवर्ष बेटियों को जन्म लेने वाली माताओं के द्वारा यह पेड़ लगाए जाते है। वन खण्ड में, मजावली स्कूल में, समेटाल स्कूल में व ग्राम पंचायत भवन परिसर में पेड़ लगाए गए है। सरपंच कपिलदेव ने बताया कि अब तक 1803 पेड़ लगाए जा चुके है। पेड़ों की सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड भी बनवाए गए है। माताओं द्वारा पेड़ लगाए जाते है वहीं ग्राम पंचायत द्वारा इन पेड़ों की परवरिश की जा रही है। साथ ही भामाशाहों के सहयोग से पक्षियों के घौसलें बनवाकर पेड़ों पर बांधे जा रहे।

कदम जैविक खेती की ओर
ग्राम पंचायत क्षेत्र के किसानों के पास कम जोतें है यानि प्रति परिवार कृषि योग्य जमीन का टोटा है। अमूमन परिवारों के हिस्से में एक-आधे बीघे का कृषि भूमि का टुक्ड़ा है। इन जमीनों के टुक्ड़ों से अधिक उत्पादन लेने के लिए किसानों ने रासायनिक खादों का उपयोग अधिक किया, इस कारण इन खेतों की जमीन कठोर हो गई है और उत्पादन अत्यंत कम हो गया है। सरपंच कपिलदेव पालीवाल के संज्ञान में आया तो उन्होंने कृषि विशेषज्ञों से संपर्क साधा। उनसे राय मशविरा किया। विशेषज्ञों ने इसका उपाय जैविक खेती बताया। अब सरपंच चाहते है कि उनके गांव के किसान जैविक खेती करें। जैविक खेती के लिए उन्होंने कई विशेषों से राय ली है, कृषि विभाग के अधिकारियों से बातचीत करके तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र की कृषि भूमि की मिट्टी जांच करवाकर जैविक खेती की संभावनाओं की तलाश की है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में मिट्टी व जल व जलवायु जैविक खेती के लिए उपयुक्त है। उन्होंने किसानों के साथ बैठकें की, उन्हें जैविक खेती के लिए प्रेरित किया। ग्राम पंचायत क्षेत्र के धीरजी का गुढ़ा, सेमटाल व मजावड़ी के 10-12 किसान जैविक खेती के लिए तैयार हुए है। कृषि विभाग के सहयोग से इन किसानों को वर्मी कम्पोस्ट (खाद) बनाना सिखाया है। किसान अपने खेतों की मेड़ों पर वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहे है। वर्मी कम्पोस्ट बनाने में प्रत्येक किसान को 7000 रूपए का खर्च आ रहा है। ये खाद बाद में खेतों में डाली जाएगी जिससे कृषि भूमि नरम व उपजाऊ हो जाएगी। इस खाद में ऐसे कई जीवाणु होते है जो जमीन को उपजाऊ बनाने के साथ-साथ फसलों के लिए उपयोगी होते है।

लखन सालवी
लखन सालवी
सरपंच पालीवाल ने बताया कि वे प्रयास कर रहे है कि किसान पारम्परिक खेती की बजाए बाजार की मांग के अनुसार खेती करें, जिससे आमदनी भी बढ़ें। ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित करवाना या किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करने जैसे कार्य तो महज चंद उदाहरण है। कपिलदेव पालीवाल ने ग्राम पंचायत क्षेत्र में ऐसे-ऐसे कार्य करवाए है, जिनकी ओर अब तक किसी सरपंच का ध्यान नहीं गया। इनके अलावा भी सरपंच पेयजल व्यवस्था सहित कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य करवाने में लगे है, जिनकी ग्रामीणों को सख्त जरूरत है।

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