जनभावना की कद्र क्यों नहीं करते सितारे

ओम माथुर
ओम माथुर
पहले आमिर। फिर शाहरुख़ और अब सलमान खान । तीनो खान सितारे भारत मे अपनी फिल्मों से करोड़ों कमा रहे हैं। करोडो दर्शक इनके फैन है। लेकिन जब भी बोलते हैं, उनके सुर देश की आम भावना से अलग होते हैं। पहले असहिष्णुता पर आमिर खान को देश मे इतना डर लगने लगा था क़ी पत्नी किरण ने उनसे देश छोडकर चलने तक की बात कह दी थी। फिर शाहरुख़ को भी देश का माहौल खराब लगने लगा। उन्हें तो आतंकी हाफिज सईद ने न्योता दे दिया था की अगर भारत मे रहने से डर लगता है तो पाकिस्तान आ जाओ। जब दोनों के बयानों की देश मे जमकर मरम्मत हुई तो सफाई देते रहें। लेकिन सवाल यह है की आप सेलिब्रिटी हैं और आपको लाखों लोग फॉलो करते हैं तो क्या आपका ये फर्ज़ नही बनता की हर बात तोल मोल कर बोले? आप देश मे जिस हैसियत से रहते हैं वहां डर कैसा? आपको देश ने इज्जत दौलत शोहरत सब कुछ बख्शा है फिर भी आप असुरक्षित क्यों हो। अब सलमान खान को लीजिये? सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाक में बन रहे युद्ध के हालात मे उन्हें जब भारतीय सेना का हौसला बढ़ाना चाहिए था ,कह रहे हैं की पाकिस्तानी कलाकारों को हमारी फिल्मों व टीवी सीरियल मे काम करने दो। क्या देश से पहले कोई और हो सकता हैं? जब पाकिस्तान मे हमारी फिल्में बैन हैं। चैनल बैन हैं। हमारे कलाकार वहां काम नहीं कर सकते तो हम भी पाकिस्तानियों की आवभगत क्यों करें? वो कमाएं हमारे यहां,खाएं हमारे यहां। और जब उनके देश के आतंकी हमारे सैनिकों की हत्या कर दें,उनके मुंह से निंदा के दो बोल नहीं फूटते। लेकिन सलमान को सैनिकों से ज्यादा, देश से ज्यादा पाकिस्तानी कलाकारों की फ्रिक है। थोडी नसीहत इमरान खान से ले लेते। जो भारतीय चैनलों पर क्रिकेट एक्सपर्ट बनकर पैसा कमाते हैं, लेकिन स्ट्राइक के बाद भारत को धमकाते हुए कह रहे थे कि भारत के खिलाफ हम सब पाकिस्तानी एक है। क्या सलमान खुद पाकिस्तान जाकर किसी फिल्म मे काम कर सकते हैं? आमिर और शाहरुख को तो देश के लोगों ने सबक सिखा दिया है, कब शायद सलमान की बारी। जिनका अतीत भी कम कलंकित नहीं रहा है।

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