
देश प्रदेश के गृह मंत्री अपने विभाग के लिए आबंटित धन का ही उपयोग कर सकते है । जबकि घर के गृह मंत्री को हर मद से खर्च करने का अधिकार होता है । क्योंकि घर की गृहमंत्री अ़र्द्धांगिनी कहलाती है ,पर पूरे घर पर उसका स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री जैसा पूरा-पूरा कब्जा होता है। पदमान गृह मंत्री होता है पर उसका तन- मन- धन पर पूरा- व पति देव के दिमाग पर पूरा कब्जा होता है। असली मायने में वो ही घर पर राज करती है। उसके अधिकार असीमित होते हैं और वो शक्तिमान होती है । वह हर शक्ति से सम्पन्न होती है, उसको किसी के अनुमोदन की जरुरत नहीं होती।
गृहिणी के गृह मंत्री बनने के साथ ही उसका हर विभाग पर पूर्ण हस्तक्षेप होता है। वित्तमंत्री के रुप में देखे तो आय का अनुमान लगाते ही वह खर्चे का बजट बना लेती है। घाटे की पूर्ति हेतु वह अपने सेवक से अपेक्षा करती है कि वो ओव्हर टाईम करे या स्थायी नौकरी के अलावा अन्य कही पार्टटाईम करे, पर आय में वृद्धि अवश्य करें। मनोरंजन मंत्री की हैसियत से घर में या क्लाब में किटी पार्टी आयोजित कर भर पूर मनोरंजन करती है। पर्यटन मंत्री की हैसियत से वो हर माह आउट सोर्सिंग कर पर्यटन स्थलों की आनन्द लेती है। अच्छे रेस्तराओं का आनन्द लेती है। खाद्य मंत्री की हैसियत से होटल से बना बनाया खाना, पिट्जा आदि बुलाने के लिए अधिकृत रहती है । जब उसके शरीर में संस्कृति मंत्री का प्रवेश होता है तो वह पाप,राक व देशी- विदेशी म्युजिक का फ्यूजन तैयार कर शहेलियों सहित खूब थिरकती है। शिक्षा मंत्री जब गृह मंत्री के सिर चढ़ता है तो वो तरह- तरह की शिक्षा पतिदेव को देती है । ज्ञान बाटती है । उसका एक ही छात्र होता है उसका अपना पति। सफाईमंत्री होने पर सफाई का जिम्मा आपने पतिदेव को दे सकती है । वह स्वयं निगरानी कर सकती है। सफाई के लिए पति के हाथ में झाडू दे सकती है और पालन कराने के लिए खुद के हाथ में दण्डा ले सकती है। जब उसके सर पर विदेश मंत्री का भूत हावी होता है तो अड़ोस -पड़ोस वालो को डराने धमकाने के लिए उपलब्ध एकमात्र सैनिक पतिदेव को ही आगे कर देती है। पीछे से पति पर बरसाने वाले बेलन, झाडू ,सिलबत्ते दिखाती है।
देश -प्रदेश के गृह मंत्रियों कि भले अपने क्षेत्र में पकड़ हो या न हो घर के गृहमंत्री की अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ होती है । उसके हर निर्देश का सख्ती से पालन होता है। निर्देशों का उल्लघन करने वाला पति दण्ड का भागीदार होता है ,उसे मानसिक प्रताड़ना दी जाती है।घर के गृह मंत्री के पास न्यायाधीश का अधिकार भी होता है । उसके न्याय के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती। बच्चे उसकी रियाया होती है तो पति उसका सेवक होता है। वही वाहन चालक होता है। वो ही बॉडी गार्ड होता है । वो ही पहरेदार होता है। वो ही घंटी सुनता है। उसके माथे ही हर प्रकार की असफलताओं का ठिकरा फोड़ा जाता है । उसे ही हर नाकामियों के लिए कोसा जाता है। हर प्रकार की सफलता का श्रेय घर के गृह मंत्री के सर होता है तो असफलता का हंड्ड पति देव के सर। गृहमंत्री चाहे देश का हो या प्रदेश उसके अधिनस्थ देश या प्रदेश रहता है पर अपने घर में वह स्वयं घर के गृहमंत्री के अधीन होता है। जैसे शेर जंगल का राजा होता है । अपनी दहाड़ से सारे जंगल को डरा कर रखता है । सारे जंगल में हड़कम्प मचा देता है पर घर आते ही शेरनी के समक्ष उसकी बोलती बंद हो जाती है । वो जंगल में दहाड सकता है पर अपने घर अपनी गुफा मैं नहीं। सुखी जीवन के लिए हर पति देव को शेर से प्रेरणा लेनी चाहिए । पूरे प्रदेश में दहाड़ो । पूरे देश में दहाड़ो । अपने आफिस में दहाड़ो अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दहाड़ो पर अपने घर में आते ही अपने गृहमंत्री के बनाये नियम व उसकी नीयत का पूरा सम्मान करो।
देश प्रदेश के गृह मंत्री का हम विरोध करते हैं तो सत्ता के विरोधी दल हमें मदद कर सकते है पर घर के गृह मंत्री का विरोध कर घर में सुखी रहने का अधिकार न होता है और न ही कोई बचाने आता है । पति की करनी का फल पति को ही भोगना होता है। बस की चपेट में आकर बच सकते मदमस्त हाथी के पॉव के नीचे से बच सकते हैं पर घर के गृहमंत्री की चपेट में आकर नहीं।
हेमंत उपाध्याय,गणगौर साधना केन्द्र, साहित्य कुटीर पं0रामनारायण उपाध्याय वार्ड खण्डवा म0प्र0 450001 9424949839 9425;086246