आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया?

lalit satyavana
lalit satyavana
यदि आप मानते हो की आरक्षण की वजह से ही देश बर्बाद हुआ है, तो फिर यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए ही है….जरूर पढ़ें
” लश्कर भी तुम्हारा है , सरदार भी तुम्हारा है।
तुम झूठ को सच लिख दो अखबार भी तुम्हारा है।
तुम जो कहो वो सच, हम जो कहें वो झूठ
मुल्क में नफरत का ऐसा तूफान मचा ड़ाला है।”
कुछ बुद्धिमान बोलते है कि आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया”
1. अब आप बताइये कि देश आजाद होने के बाद 14 व्यक्ति देश के राष्ट्रपति बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने….
2. 15 प्रधानमन्त्री बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने…
3. 43 उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश बने कितने आरक्षण वाले बने…
4. 19 मुख्य चुनाव आयुक्त बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने…
5. देश के जो बड़े घोटाले हुए उनमे कितने दलित घोटालेबाज हैं, बताएं ज़रा…
6. आप बताइये भारत देश में कितने दलित लोग ऐसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों के व्यवसायी हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं ?
7. अब आप बताइये देश को बर्बाद कौन कर रहा है….अगर सम्भावित ब्लैकमनी वालो की लिस्ट देखें तो कोई आरक्षण वाला नजर नही आता…
8. तो फिर देश को बर्बाद कौन कर रहा है…
9. जितने लोग बेंको का रूपया हज़्म करके बैठे है या भाग गए उनमे कितने आरक्षण वाले है शायद कोई नही तो फिर देश को बर्बाद कौन कर रहा है….
10. बड़े बड़े ठेकेदार जो सरकारी ठेके लेते है रोड बनाते है सरकारी बिल्डिंग्स बनाते है उनमे कितने आरक्षण वाले है तो जवाब मिलेगा 1 या 2 प्रतिशत
11. तो फिर इस देश को बर्बाद आरक्षण कर रहा है या फिर मेरिट वाले…
12. जब ब्लैक मनी लिस्ट में एक भी नाम रिजर्व कैटेगरी के लोगों का नही, सारे नाम जनरल के हैं । फिर भी कुछ बेवकूफ कहते हैं कि देश को रिजर्वेशन वाले बर्बाद कर रहे हैं….सच में इससे बड़ा जोक कोई और हो ही नही सकता !!
13. बोफोर्स तोप घोटाला , कॉमन वैल्थ घोटाला , आदर्श सोसायटी घोटाला, सत्यम घोटाला, काला धन घोटाला, स्टाम्प घोटाला, यूरिया घोटाला, चारा घोटाला, सुखराम टेलिकॉम घोटाला, शेयर घोटाला, चीनी घोटाला….बहुत लंबी सूची है इन घोटालों की, ये सभी घोटाले क्या आरक्षण प्राप्त लोगों ने किये हैं ? बताएँगे इसमें किसी दलित का नाम ?
**कब तक बेवकूफ बनाते रहोगे**
और हाँ ! फिर भी हम लोग अपने हुनर और काबलियत से थोडा सा आरक्षण का सहारा पा कर क्या कामयाब होने लगे, आपके पेट में मरोड़े उठने लगे….
” जिनको अपनी थोथी मेरिट पे घमंड है और आरक्षण से परेशानी है वो अपने बच्चों को 5 साल वहाँ पढ़ाए जहाँ ग़रीब बच्चे अभावों में रहकर पढ़ते हैं,
फिर देखना सारी मेरिट हवा न हो जाए तो कहना !!!”
और यदि कुछ तथाकथित उच्च वर्ग के लोग ये कहते हैं की, वो किसी से भेदभाव नही करते….तो उनसे एक ही सवाल ?
क्या वो दलित परिवार से रोटी – बेटी का रिश्ता करने को तैयार हैं, जातियाँ खत्म करने को तैयार है।।अगर नही….
तो फिर मान लीजिये अभी आरक्षण ख़त्म नही होना चाहिए…

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