दुःख होता है !

sohanpal singh
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अगर कोई यह कहे कि श्रीमती निर्मल सीतारमण भारत की पहली महिला रक्षा मंत्री है । तो हम तो यही कहेंगे यह बहुत ही सूंदर बात है और प्रत्येक भारतियों को इस पर गर्व होना स्वाभाविक है ! लेकिन यह सरासर झूँठ है क्योंकि झूँठ बोलना बहुत आसान है । सवाल यह है की सब कुछ पहली बार हो रहा है क्या ? तो हम बताते है की इस देश की सबसे पहले रक्षा की कमान श्रीमती इंदिरा गांधी ने संभाली थी ! सीता रमण जी दूसरी रक्षा मंत्री है भारत सरकार के इतिहास में । लेकिन हमें तो बहुत अफ़सोस होता है जब भारत की रक्षा मंत्री एक विदुषी पढ़ी लिखी विद्ववान महिला अपनी पार्टी के अध्यक्ष के पुत्र के बचाव में अपनी सरकारी पोजीशन का इस्तेमाल करते हुए उसके पक्ष में एक साधारण नागरिक (राबर्ट वाड्रा ) का सन्दर्भ इस्तेमाल करती हुई टीवी पर देखि जाती है? क्यों करते है ऐसा व्यहार ये स्थापित नेतागण ! क्या उच्च पद पर होते हुए ये सब करने में कुछ असामान्य नहीं है ऐसा करना , क्योंकि पार्टियां तो आती जाती रहती है ! लेकिन राजनितिक उठा पटक और जवाब देने के लिए प्रवक्ताओं की फ़ौज लगी है । फिर भी ये लोग ऐसा निकृष्ट कार्य क्यों करते है ? हम आज यह पूंछते है की इनकी पार्टी के अध्यक्ष जी जिस हेलिकॉप्टर में देश के एक कोने से दुसरेंकोने तक दौड़े फिरते है वे हेलीकॉप्टर पार्टी के है अध्यक्ष जी के निजी है एयर फ़ोर्स के है या किसी दान दाता या व्यापारी कंपनी के है । इस बात का जवाब भी उन्हें मीडिया पर देना चाहिए ?

एस. पी. सिंह ! मेरठ ।

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