उधर, राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे भाजपा आलाकमान की ‘हिट-लिस्ट’ में टॉप पर हैं, इसमे किसी को कोई संदेह नही। बीते दिनों में हुए उप-चुनावों में करारी हार इस बात को प्रमाणित करती है कि महारानी और प्रजा के संबंध भी कुछ ठीक नही हैं। अपना पूरा जोर लगाने और शासन तंत्र की चौतरफा परेड कराने के बावजूद महारानी के रणबांकुरे 17 में से 1 भी विधानसभा में जीत तो छोड़िए, टक्कर तक नही दे पाए (2 लोकसभा सीटें जिनमे 16 विधानसभा सीटें समाहित हैं, और एक मांडलगढ़ विधानसभा सीट)। भाजपा शीर्ष नेतृत्व का इस चुनाव से दूरी बनाना अपने आप में मतभेद का सूचक है। क्षेत्रीय नेताओं की बेरुखी भी सामने आने के बाद, भाजपा की वृहद मुख्यमंत्री परिषद की एकमात्र महिला, राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने अकेली ही नजर आ रही हैं। “मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी ख़ैर नहीं” सरीखे संदेशों से जनता ने भी यह ज़ाहिर कर दिया है कि पार्टी के साथ साथ जनता भी उनसे मुह मोड़ चुकी है।
एक और बड़ा कारण है, सामने श्री सचिन पायलट का होना। पिछले कुछ अरसे में, अपने धुंआधार प्रचार अभियान की बदौलत पायलट साहब ने राजस्थान के राजनीतिक गलियारे में अपने पांव अंगद की तरह जमा लिए हैं। विकास पुरुष की उनकी छवि, बेबाक व्यक्तित्व और युवा जोश, उन्हें राज्य की राजनीति में सबसे अलग दिखाता है। कम से कम अजेमर जिले में तो पायलट की लोकप्रियता का आलम यह है कि भाजपा का वोटर भी उनके नाम पर कांग्रेस को वोट दे दे। इसमे कोई शक नही कि वे कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के अघोषित दावेदार हैं, और महारानी या माथुर साहब या परनामी जी, उनके सामने उतने बड़े दावेदार नही लगते। ऐसे में भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व अगर राठौड़ साहब को मैदान में उतार दे, तो कांग्रेस के “एक्स-फैक्टर” पर पार पा सकती है।
मानें या न मानें, लोकसभा-विधानसभा-राज्यसभा का कॉकटेल बनाना, बीते कुछ वर्षों में भाजपा की प्रवृत्ति में रहा है। श्री मनोहर पर्रिकर को गोआ विधानसभा से उठाकर रक्षामंत्री बनाकर वापस गोआ भेजना हो, या योगीजी को संसद से राज्यप्रमुख का रास्ता दिखाना हो, भाजपा के चाणक्य का जोड़ तोड़ में कोई सानी नही है। ऐसे में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को जयपुर ग्रामीण से “सिविल लाइन्स” भेजना कोई आश्चर्यजनक बात नही होनी चाहिए।
कुर्सी की पेटी बाँध लें ज़नाब, 2018 का विधानसभा चुनाव किसी रोलर कोस्टर से कम नही होने वाला। और वाकई ऐसी चीजें निकल कर आ सकती है जिनकी आपने कतई उम्मीद न की हो।
बहरहाल, एक सीक्रेट तो वैसे मैंने उजागर कर दिया 🙂