मैडिटेशन (ध्यान) से अपनी आध्यात्मिकता को बड़ायें

डा. जे.के.गर्ग
मैडिटेशन या ध्यान हमको हमारे भूतकाल या भविष्य के मध्य उछलकूद करने से तो बचाते हैं , साथ ही साथ हमें हमको अपने वर्तमान में ही स्थिर रखने मे मददगार होता है | मान कर चले कि केवल मैडिटेशन या ध्यान से ही हमारा माइंड या मन अचल स्थिर या निश्चल रह सकता है | सोच और संस्कार | आपस में एक दुसरे से जुड़े हुए हैं सोच अगर बीज है तो संस्कार उन बीजों से उत्पन्न व्रक्ष हैं |

मनोविज्ञानिको के अनुसार सारी समस्यायें मन से ही शुरू होती है और उनका समाधान भी मन से ही होता है | इस प्रकार मन हमारे शरीर रूपी यंत्र में एक बोद्धिक गियर अगर हम इस गियर का उपयोग सही तरीके से करें तब निश्चय ही हमने अपने आप को तनाव मुक्त रखने और तनाव रहित जीने की कला का सर्वश्रेष्ठ फार्मुला प्राप्त कर सकते हैं | मनोविज्ञानिको के अनुसार सारी समस्यायें मन से ही शुरू होती है और उनका समाधान भी मन से ही होता है | इस प्रकार मन हमारे शरीर यंत्र में एक बोद्धिक गियर के रूप में काम करता है | अगर हम इस गियर का उपयोग सही तरीके से करें तब निश्चय ही हमने अपने आप को तनाव मुक्त रखने और तनाव रहित जीने की कला का सर्वश्रेष्ठ फार्मुला प्राप्त कर सकते हैं |

बुद्धिमता का हमारे आइ.क्यू से विशेष लेना देना नहीँ होता है | हमारे पास आई.क्यू.के साथ यानि साथ भावनात्मक बुद्धिमता इ.क्यू और उच्चतर बुद्धिमता एच.क्यू. भी होती है | कई शोधकर्ताओं ने अब तक 25 उपबुद्धिमता स्तर की पहचाहन कर ली है | उचित प्रशिक्षण से हम सभी अपने अपने बुद्धिमता स्तर को बड़ा सकते हैं जिसके फलस्वरूप हम भी अपनी क्षमता को महान आईन्स्टाईन की सीखने की क्षमता के समकक्ष बड़ा सकते हैं |

जीवन में विजय और सफलता हेतु हमें चार बिंदुओं यानि पी (P).औ(O).एस (S). और टी(T). को याद रख कर उस पर अमल भी करना होगा |

पी [P] हमेशा अपने आप को वर्तमान में रक्खो |

औ [O] अनासक्त भाव से अपने सोच बनों का अवलोकन करने वाले |

एस [S]अपने आप को पूर्ण रूप से जीवन शक्ति को समर्पित कर दो |

टी [T] अपने ज्ञान के स्तर को बड़ायें | ऊर्जावान बनें |ध्यान से अपनी आध्यात्मिकता को बड़ायें |

प्रस्तुतिकरण—–डा.जे.के.गर्ग

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