भाजपा के वर्ष 2014 के मिशन में पार्टी के अंदर के ढांचे में मोदीजी के ऊपर की वरीयता को ठिकाने लगाने यानि मार्गदर्शन मण्डल में डालने की महत्वपूर्ण योजना को अंजाम इस लिए दिया गया क्योंकि अब तक जिन नेताओं के मंच , माईक और व्यवस्था में मोदीजी आगे पीछे लगे रहते थे उनके सामने प्रधानमन्त्री के प्रोटोकाल का आनन्द उठाने में अपने को असहज महसूस करेंगे परिणामस्वरूप उन नेताओं को ठिकाने लगा दिया था जिनका इस पार्टी को बंनाने में महत्वपूर्ण योगदान था ।
मगर अब 2019 में पार्टी अध्यक्ष अमितशाह ने पार्टी में टिकट वितरण में एक 75 वर्ष की उम्र के किसी व्यक्ति को टिकिट नही देने के अपने निर्णय को थोपकर सम्पूर्ण मार्गदर्शन मण्डल को निपटा दिया इसी लाईन से चलते हुए इस चुनाव में कुछ और पुराने बचे हुए ( नेताओं ) कण्डम माल को भी पार्टी के बेसमेंट में डाल दिया इस से मोदीजी के ऊपर वाली सभी वरिष्ठताओ का बोझ हल्का कर लिया गया है ।
मगर अब 2019 में अमितशाह अपने और मोदीजी के बीच वाले कचरे को धीरे धीरे हटाने के अपने गुप्त एजेंडे को अंजाम देने में लगे है यानि स्वछता अभियान के तहत शाह अपने से सभी वरिष्ठता की सफाई करेंगे ताकि किसी दिन मोदी के बाद कौन ?
ऐसे मनहूस प्रश्न का पार्टी को सामना नही करना पड़े
इस लिए सभी भाजपा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री व अन्य पार्टी के कदावर नेता कृपया सावधान रहे आगे कुछ भी हो सकता है क्योकि पार्टी अध्यक्ष का पुराना रिपोर्टकार्ड अच्छा नही है !
महेन्द्र सिंह भेरुन्दा