हरकीरत हीर की हिंदी रचना का देवी नागरानी दृवारा सिंधी अनुवाद

घरौंदे ….
उसने कहा –
तुम तो शाख़ से गिरा हुआ
वह तिनका हो
जिसे बहाकर कोई भी ले जाये
मैंने कहा –
शाख़ से गिरे हुए तिनके भी तो
घरौंदे बन जाते हैं
किसी परिंदे के …
संपर्क -हरकीरत ‘हीर’, १८ ईस्ट लेन , सुंदरपुर , हॉउस न-५ , गुवाहाटी- ७८१००५ (असम )
मो. ९८६४१७१३००

सिन्धी अनुवाद: देवी नागरानी

देवी नागरानी
घरौंदे ….
हुन चयो –
तूँ त शाख़ तां किरयल
उहो कखु आहीं
जहिंखे वहाए कोई बि खणी वञें
मूँ चयो –
शाख़ तां किरियल कख बि त
आखेरो बणजी वेंदा आहिन
कंहिं परिंदे जो …
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