इस सोच को सलाम

कुछ दिन पहले देश की तीन प्रमुख समस्याओं को इंगित करते हुए मैने एक पोस्ट लिखी थी और यह सवाल उठाया था कि क्या सरकारें कभी इनके बारे में सोचेगी ? अब लगा कि मोदी है तो ये भी मुमकिन है ।
पापुलेशन,पॉल्यूशन और पानी पर 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से दिए अपने भाषण में उन्होंने इन तीनों मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। पापुलेशन यानी जनसंख्या को लेकर उन्होंने कहा कि ये जनसंख्या विस्फोट आने वाली पीढ़ियों के लिए अनेक संकट पैदा करेगा। इसलिए परिवार को सीमित करके भी देश की भलाई में बहुत योगदान दिया जा सकता है। मोदी के यह कहने के बाद अब तो यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए सरकार कोई नया कानून सरकार जल्द ला सकती है ।
पोल्यूशन यानी प्रदूषण कम करने के बारे में उन्होंने यह कहकर बड़ा संकेत दिया कि 2 अक्टूबर से देश में प्लास्टिक मुक्त करने की शुरुआत की जाएगी। प्लास्टिक प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण होता है, क्योंकि यह नष्ट नहीं होता बल्कि पर्यावरण को नष्ट कर प्रदूषण फैलाता है।
जबकि पानी के लिए उन्होंने जल जीवन मिशन के अंतर्गत 3.50 लाख करोड रुपए खर्च करने का संकल्प जताया और यह भी कहा कि सभी को पानी का महत्व समझना चाहिए। मोदी की इसी सकारात्मक सोच को कांग्रेस के नेता और मोदी के कटु आलोचक पी चिदंबरम ने भी सराहा है और यह कहा है कि इसे अभियान के तौर पर चलाया जाना चाहिए ।अपनी उस पोस्ट को एक बार फिर आप सब के अवलोकन के लिए यहां साझा कर रहा हूं।

ओम माथुर/9351415379

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