
स्कूल/कॉलेज में पढ़ने वाले युवा वर्ग एवं चटोरों की तरह जिह्वा स्वाद लेने वाले स्त्री/पुरूषों में स्पाइसी फूड की लत पड़ चुकी है। ये लोग जायकेदार, लज़ीज, स्पाइसी फूड सेवन के चक्कर में काफी पैसा खर्च कर रहे हैं। कुछ तो सप्ताह में एकाध दिन चेन्ज के लिए ऐसा करते हैं बहुत से ऐसे हैं जो नित्य-नियमित इनका सेवन करते हैं। इन लोगों के जिह्वा स्वाद व खर्चीला स्वभाव का व्यावसायिक लाभ उठाने के लिए मेट्रो शहरों की तरह गाँव बाजार, शहर, कस्बों स्पाइसी फूड विक्रय केन्द्र यानि रेस्तराँ धड़ल्ले से खुलने लगे हैं। इनके संचालकों द्वारा मसालेदार इण्डियन, साउथ इण्डियन और चाइनीज स्पाइसी फूड निर्मित कर महंगे दामों में सेवनकर्ताओं को परोसा जा रहा है।
नानवेज और वेजीटेरियन के नाम पर क्या परोसा जा रहा है इसे तो सेवनकर्ता बिल्कुल ही नहीं जानते। जायकेदार व्यंजन के उपयोगकर्ता मसालेदार व जायकेदार खाद्य पदार्थ ही ढूढ़ते हैं। लकदक/आधुनिक रेस्तराओं में स्पाइसी फूड, जंक फूड, फास्ट फूड खाने वालों की तादात बढ़ने लगी है। रेस्तराँओं में प्रवेश करने वाला ग्राहक सर्व प्रथम वहाँ मेनू यानि व्यंजन सूची देखता है तद्नुसार अपने पसन्द की डिश आर्डर करता है। उसे यह नहीं मालूम कि इनमें कौन-कौन से तत्व सेहत के लिए हानिकारक हैं। ग्राहक को तो अपना स्टेटस सिम्बल बढ़ाना व जिह्वा स्वाद की तलब को मिटाना रहता है।
यदि ऐसे रेस्तराओं के किचेन का अवलोकन किया जाए तो पाया जाएगा कि व्यंजनों में प्रयुक्त शाकाहारी व मांसाहारी पदार्थ सड़े-गले और अखाद्य ही हैं। मसलन बेमौसमी सब्जियाँ और विभिन्न प्रकार के जानवरों के सस्ते मांस दूषित व सड़े-गले। तेल गुणवत्ता विहीन और अखाद्य, साथ ही मसाले व अन्य रसायन सेहत के लिए हानिकारक। तात्पर्य यह कि किचेन में सभी कुछ मानक के विपरीत। ऐसे में जो भी डिश तैयार होगी वह अवश्य ही सेहत के लिए हानिकारक होगी।
जिले के ग्रामीण व शहरी इलाकों में छोटे-छोटे रेस्तराँ खोले गए हैं जिनमें बिरयानी, कबाब, एगरोल, चिकेन रोल, चिकेन पराठा, चिकेन चिल्ली, मंच्यूरियन, मसाला डोसा, फ्राइड राइस, चिकेन राइस, अण्डा बिरयानी, चिकेन बिरयानी, मटर-पनीर, पनीर चिल्ली, पिज्जा, बर्गर, मोमोस, वेज/नानवेज सूप आदि अनेकानेक नामों से व्यंजनों की प्लेटें सजा कर ग्राहक के इच्छा अनुरूप परोसी जा रही हैं। कई युवा रेस्तराँ संचालकों के अनुसार- वह लोग जबरिया किसी को इस तरह के व्यंजन नहीं परोस रहे हैं बल्कि ग्राहक द्वारा इसी तरह के व्यंजनों की मांग की जाती है। हमने पैसा लगाया है, समय के साथ चल रहे हैं और भारतीय थाली से दूरी बनाए हुए हैं। जिस दिन ग्राहक इण्डियन थाली की मांग करेगा झख मारकर भारतीय व्यंजन बनाना व परोसना शुरू कर देंगे। फिलवक्त भारतीय थाली की डिमाण्ड न के बराबर है। अब सभी आधुनिक और फास्ट लाइफ जीने वाले लोग फास्ट फूड, स्पाइसी फूड, जंक फूड का ही चटखारा लेते हैं।
एक रेस्तराँ संचालक ने बताया कि उसने सौ रूपए प्रतिवर्ष शुल्क देय वाला खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग में पंजीयन कराया है, तब फिर किस बात का भय।
यदि आप इन चीजों के आदी हैं तो हमारे सर्वेक्षण के उपरान्त प्राप्त जानकारी को जो हम यहाँ प्रकाशित कर रहे हैं जरूर पढ़ें और फास्ट व जंक फूड (स्पाइसी फूड) के सेवन से बचें।
आजकल अधिकतर लोगों के लिए आम समस्या बन गई है। पेट में गैस बनने से अधिकतर लोग परेशान रहते हैं। क्योंकि कई बार पेट में गैस बनने से भयंकर दर्द भी होने लगता है। और व्यक्ति कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता है। पेट में गैस की समस्या का मुख्य कारण आजकल बाहर का फास्ट फूड और जंक फूड है। इससे पेट में भयंकर गैस बनती है। अगर आप भी पेट की गैस से परेशान हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए आपको दो चीजों का सेवन त्याग दें।
इन दो चीजों को खाना छोड़ दें-
1) पहली चीज- आजकल अधिकतर लोग बाजार का फास्ट फूड और जंक फूड खाना पसंद करते हैं। जो खाने में स्वादिष्ट लगता है। लेकिन हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। फास्ट फूड और जंक फूड में बहुत ज्यादा तेल मसाले इस्तेमाल किए जाते हैं। जिससे आपके पेट की गैस कई गुना बढ़ सकती है। इसलिए आप आज से ही फास्ट फूड का सेवन करना बंद कर दें।
2) दूसरी चीज- मसालेदार भोजन का सेवन यदि आप भी करते हैं। तो ज्यादा तेल मसाले से बनी चीजों का सेवन करना बिल्कुल बंद कर दे। क्योंकि ज्यादा मसालेदार भोजन पेट में गैस की समस्या उत्पन्न करने लगता है। यदि आप भी पेट में गैस की समस्या से परेशान हैं। तो ऐसी चीजों का सेवन करना आज से ही छोड़ दें।
रीता विश्वकर्मा
8765552676, 8423242878