जानिये रावण के अधूरे सपने जो पूरे नहीं हो पाये

dr. j k garg
हम सभी जानते हैं कि विजयादशमी के दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था | आईये जाने रावण के बारे में कुछ अनसुनी जानकारियां | प्रखांड पंडित रावण के कुछ सपने प्रक्रति के विरुद्ध थे जो अगर पूरे हो जाते तो संसार में अधर्म बढ़ जाता और राक्षस प्रवृत्तियां अनियंत्रित हो जातीं |
रावण की अधूरी आकांक्षायें
(A) काले रंग को गोरा करना
मान्यताओं के मुताबिक रावण खुद काला था इसलिए वो चाहता था कि मानव प्रजाति में जितने भी लोगों के रंग काले है वे सभी गोरे हो जाएं, ताकि कोई भी महिला उनका अपमान और तिरस्कार नहीं कर सके |
(B) बाली को हराने का सपना
रावण ने कई युद्ध जीते लेकिन कई बार हारा भी था, महाबली बाली ने रावण को पराजित करके उसे अपनी बाजु में दबाकर समुद्रों की परिक्रमा भी की थी | रावण एन केन प्रकारेण बाली को पराजित करना चाहता था किन्तु उसका यह सपना भी पूरा नहीं हो सका था |

(C) सोने को खुशबुदार बनाना
रावण का सपना था कि वो सारे संसार में उपलब्ध सोने पर अपना अधिकार कर ले | सोने की खोज आसानी से हो जाये ईस वास्ते रावण चाहता था कि सोने में सुगंध होनी चाहिये जिससे वो सोने की खोज आसानी और सुगमता से कर सके | रावण का यह सपना भी पूरा नहीं हो सका |
(D) खून का रंग बदलना चाहता था रावण
रावण का सपना था कि सभी प्राणीमात्र के खून का रंग लाल के बजाय सफेद हो जाये जिससे जब वो निर्दोष लोगों को मारे तो उनके खून से धरती लाल के बजाय सफेद ही बनी रहे और वो धरती पर उपलब्ध पानी के साथ घुल कर बह जाये जिसके फलस्वरूप उसके दुवारा किये गये अत्याचारों पता नहीं चल सके | रावण का यह सपना भी पूरा नहीं हो सका था |

(E) शराब से उसकी दुर्गन्ध दूर करना

निसन्देह रावण अपने युग का प्रखंड बुद्धिमान व्यक्ति था जिसे उन्नत टेक्नोलॉजी और विज्ञान की भी जानकारी थी | रावण को शराब पीने की लत थी जिससे उसके मुहं से शराब की दुर्गन्ध आती थी इसीलिए रावण शराब से दुर्गन्ध और बदबू हटाना चाहता था जिसमें वो सफल नहीं हो पाया इसप्रकार उसका शराब से दुर्गन्ध दूर करने का सपना भी पूरा नहीं हो पाया |

(F) समुद्र के पानी को मीठा बनाना

रावण अपने ज्ञान और टेक्नोलॉजी की मदद से समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाना चाहता था जिसमें रावण सफल नहीं हो पाया |

(G) स्वर्ग की सीढ़ी बनाना
रावण पूरे ब्रह्मांड यानि जल थल और पाताल पर कब्जा जमाना चाहता था इसके लिये वो धरती से स्वर्ग तक इक सीढ़ी बनाना चाहता था जिससे लोग भगवान की पूजा अर्चना यह सपना भी अधूरा रहा था |

अगर रावण के उपरोक्त सपने क्रियान्विंत हो जाते तो वो खुद को भगवान साबित कर देता और दुनिया उसके दस दुर्गुण यानि काम,क्रोध,लोभ,मद,मोह,मत्सर,अहंकार,आलस्य,हिंसा, अधर्म से त्रस्त रहती और देत्यों का साम्राज्य स्थापित हो जाता |

संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—–डा.जे. के.गर्ग सन्दर्भ—-विभिन्न पत्र-पत्रिकायें एवं समाचार पत्र

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