स्वामी विवेकानंदजी के अनमोल मन्त्र जिनमें छुपा है खुशहाल जीवन जीने का रहस्य पार्ट 1

dr. j k garg
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक आपको अपना लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये।

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते ।

जब जब दिल और दिमाग के टकराव हो तब हमेशा अपने दिल की सुनो।

आकांक्षा , अज्ञानता और असमानता बंधन की त्रिमूर्तियां हैं |

जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।

सच्चाई तो यही है कि जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो , तुम कमजोर हो जाओगे ; अगर खुद को ताकतवर सोचते हो , तुम ताकतवर हो जाओगे।

याद रक्खों सबसे बड़ा पाप खुद को कमजोर समझना ही है |

प्रस्तुतिकरण —-डॉ जे. के. गर्ग

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