विनती

नटवर विद्यार्थी
संकट की आई घड़ी, सुनो वीर हनुमान ।
बस तेरे ही हाथ में, करो जगत कल्याण ।

हो रक्षक प्रभु आप ही, सभी भयातुर आज ।
घर मे सारे क़ैद हैं , कोरोना का राज ।

हे दाता! विनती यही, दूर करो संताप ।
बस चुटकी का काम है, रामभक्त हो आप ।

जन्मदिवस है आपका, मग़र बंद हैं लोग ।
अपनों से ही दूरियाँ, कैसा अद्भुत रोग ।

आज थका-हारा खड़ा, यह सारा संसार ।
सिर्फ़ आपके पास ही , पीड़ा का उपचार ।

– *नटवर पारीक, डीडवाना*

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