नेहरूजी हमेशा ध्यान रखते थे कि उनके बगीचे में पानी का सदुपयोग हो एवं बर्बादी नहीं हो इसीलिए कई बार वो अपनी कार रुकवा अपने ड्राइवर को भेजते थे कि वो बगीचे में चल रहा पानी का पाइप बंद करके आए | नेहरूजी खुद घर के कमरों में जाकर देखते कि बीजली फालतू तो नहीं जल रही है इसीलिए वे खुद हर कमरे में जाकर बिजली का स्विच बंद करते थे |
पंजाब के भूतपूर्व मुख्यमंत्री भीमसिंह सच्चर ने बताया था कि एक बार नेहरू की बहिन विजयलक्ष्मी पंडित राजभवन रुकी, उस समय अतिथियों को खाने पीने ठेहरने का खर्चा चुकाना पड़ता था | विजयालक्ष्मी ने अपने बिल के 2500 रूपये का भुख्तान नहीं किया था | कुछ समय बाद श्री सच्चर ने नेहरूजी को पत्र लिखा कि उनकी बहिन के 2500 रूपये का पेमेंट बकाया है इसके जबाव में उन्होंने लिखा कि वे बकाया रकम का पेमेंट 5 किस्तों में कर देगें क्योंकि इतना रुपया उनके पास नहीं है और नेहरूजी ने तय सीमा में रूपये वापस लोटा दिए |
संकलनकर्ता एवं प्रस्तुतिकरण—-डॉ.जे.के.गर्ग