*निर्णय लेना होगा*

नटवर विद्यार्थी
कब तक सरहद पर वीरों की ,
लाशें बिछती जाएगी ।
कब तक भारत माता नित-नित,
अपने अश्रु बहाएगी ।
कुछ तो निर्णय लेना होगा ,
सत्ता के सरदारों को ।
आग लगानी होगी अब तो,
क्षमा-संधि के नारों को ।
महाराणा का ओज भरा है,
भारत के योद्धाओं में ।
वीर शिवा की क्षमता-ताकत,
भरी हुई है बाहों में ।
महारानी लक्ष्मी का गौरव,
कूट-कूटकर मन में है ।
सावरकर सा राष्ट्र-प्रेम भी ,
सबके अंतर्मन में है ।
लाल-बाल और पाल सरीखे,
भारत के सेनानी है ।
भगतसिंह से महावीर हैं ,
शेखर से बलिदानी हैं ।
सबके भीतर हैं सुभाष सी ,
आज़ादी की चिनगारी ।
भारत का निडर फौजी है ,
एक अकेला ही भारी ।
इंतजार बस आदेशों का ,
धूल चटा दे अरि-दल को ।
कुछ घंटों में अरे कुचल दे ,
पाक-चीन के छल-बल को ।

– नटवर पारीक, डीडवाना

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