खतरनाक पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त…!

जिंदगी प्यारी है, तो घरों मे ही रहिए, बाहर मत निकलिए, सुरक्षित रहिए, वरना…
-निरंजन परिहार
अब हम सबको थोड़ा डरने और सम्हलने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना का सबसे खतरनाक स्तर आना अभी बाकी है। अब तक जो नहीं देखा, वह आनेवाले दिनों में देखने को मिलेगा। इसलिए आपको सलाह है कि अगर आपको अपनी जिंदगी प्यारी है, अपने परिवार से प्यार है, तो घरों मे ही बैठे रहिए, कहीं भी बाहर मत निकलिए, परिवार का खयाल किजिए और खुद को बचाने के अलावा दूसरों की चिंता छोड़ दीजिए।

निरंजन परिहार
खुद सुरक्षित रहिए, वरना कल क्या होगा, कोई कुछ भी नहीं कह सकता। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट को थोड़ा गहराई से पढ़ें, तो तस्वीर साफ है कि कोरोना संक्रमण का शिखर अभी बाकी है। भारत में इसका प्रसार लगातार बढ़ रहा है। मुंबई में संक्रमण का आंकड़ा 77 हजार को छू रहा है और मरनेवाले 5 हजार होने ही वाले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी 29 जून को कहा है कि अभी दुनिया में कोरोना वायरस का सबसे बुरा काल नहीं आया है और वह आना अभी बाकी है। इस हिसाब से तो साफ साफ लगता है कि भारत में अर्थव्यवस्था खोलने से संक्रमण और भी तेजी से बढ़ सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंतित
भारत सहित दुनिया भर के देशों के लोग इस लाइलाज बीमारी से उकता गए हैं। आपके, मेरे और हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर ये महामारी कब हमारा पीछा छोड़ेगी। जवाब किसी के पास नहीं है। और जिसके पास जवाब है, वह विश्व स्वास्थ्य संगठन साफ तौर पर कह रहा है कि कोरोना वायरस का सबसे बुरा वक्त अभी तो आया ही नहीं है। कोरोना का शिखर आना अभी बाकी है। लेकिन वह आएगा कब, यह कोई नहीं जानता। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया टेड्रोस गैब्रियेस ने अत्यंत आहत भाव के साथ कहा है कि हमें यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि कोरोना वायरस का सबसे बुरा स्वरूप आना अभी बाकी है। ग्रेबियल जब यह कह रहे थे तो जिन लोगों ने उनके चेहरे के भाव पढ़ें होंगे और जिन्होंने उनकी आवाज में पैदा हुआ दर्द जाना होगा, वे अच्छी तरह समझ रहे हैं कि दुनिया भर की हालत बहुत खराब होनेवाली है।

लाशें देख देख दिल भी हो गए सख्त
मुंबई में कोरोना से मौत को पहला केस 11 मार्च को सामने आया था, तब से लेकर आज तक 110 दिनों में यह आंकड़ा 5 हजार गुना बढ़ गया है, इसी से कोरोना के प्रसार की ताकत को समझ लीजिए। हालत खतरनाक है और डर सीधे मौत का है। देश में तो हम देख ही रहे हैं, लेकिन दुनिया भर में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग लगातार मर रहे हैं और दुनिया के विभिन्न देशों में लाशों को देखकर दिलों ने द्रवित होना छोड़ दिया है। अकेले मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में ही रोजाना औसत पंद्रह लोग कोरोना से मर रहे हैं। दिल आखिर दिल है, वह भी बेचारा कितना द्रवित होगा। रोज लाशों को देख देख धीरे धीरे दिलों ने भी खुद को सख्त करना सीख लिया है। क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट से दिल को पता चल गया है कि कोरोना का सबसे खतरनाक लेवल अभी बाकी है।

भारत में हालात बहुत खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया की चिंता वाजिब है कि दुनिया के कई देश जैसे जैसे अपनी अर्थव्यवस्था को खोल रहे हैं, तो वहां पर दोबारा से इस वायरस का असर दिख रहा है। निश्चित रूप से उनका इशारा उन देशों की ओर था, जहां संक्रमण पर नियंत्रण के बाद अर्थव्यवस्था खोल दी गई है। अपने देश की बात करें, तो लॉकडाउन के बावजूद लोग कोई बहुत चिंतित नहीं दिखते और अर्थव्यवस्था भी खोलने को उतावले हो रहे हैं। फिलहाल दुनिया में कोरोना संक्रमण के कुल मरीजों 1 करोड़ 5 लाख के आसपास है, जबकि 5 लाख से ज्यादा लोगों की अब तक जान जा चुकी है। अकेले अमेरिका में ही सवा लाख लोगों की जान चली गई है और भारत में अब तक कुल 18 हजार को आसपास लोग मारे जा चुके हैं। हमारे देश में कुल 6 लाख के आसपास संक्रमण के मामले हो गए हैं।

चिंता कीजिए अपनी और परिवार की
वास्तव में हमें चिंतित होना चाहिए, क्योंकि कोरोना वायरस की रफ्तार वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ रही है। दुनिया में इन दिनों अमेरिका, ब्राजील और भारत तीन ही ऐसे देश हैं, जहां कोरोना के सबसे अधिक केस आ रहे हैं। अमेरिका और ब्राजील में औसत रोजाना 30 हजार से ज्यादा, तो भारत में रोजाना 20 हजार के करीब संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात को लेकर बहुत चिंतित है, लेकिन भारत में लोगों को इस बात की कोई चिंता नहीं दिखती। लोग धड़ल्ले से बाहर निकल रहे हैं। हालात बहुत ही चिंताजनक हैं, इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि कुछ दिन पहले तक दुनिया में हर रोज कोरोना संक्रमण के 80 हजार से एक लाख के बीच मामले सामने आते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह आंकड़ा रोजाना डेढ़ लाख से आगे पहुंच गया है। इतने खतरनाक हालात में भी हम अगर अपने और अपने परिवार सहित अपने आस पास के लोगों के प्रति चिंतित नहीं है, तो कब होंगे।

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