पत्रकारिता के मुख्य स्तम्भ : जगदीश शर्मा

जगदीश शर्मा
कॉलेज शिक्षा के दौरान ही राज्यस्तरीय समाचार पत्र का जिला सवांददाता बनना अपने आप मे गौरव की बात है।और फिर उसी अखबार का मुख्य स्तम्भ बन जाना तो और भी मील का पत्थर साबित होने जैसा है । ये सब कर दिखाया अलवर निवासी श्री जगदीश शर्मा जी ने ।

1972 में मात्र 18 साल की उम्र में अलवर से राजस्थान पत्रिका के जिला सवांददाता के पद पर नियुक्त हुए और लगातार 6 वर्ष तक अलवर से खबरे प्रेषित करते रहे । इस दौरान स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर पत्रकारिता की डिग्री ली । इसके बाद इन्होंने इंटरनेशनल स्कूल ऑफ जनर्लीजियम, प्राग , चेक्सलवाक़िया से विकासमान अध्ययन और आर्थिक पत्रकारिता पर डिग्री ली । प्रेस इंस्टिट्यूटऑफ इंडिया, दिल्ली से भी पत्रकारिता से भी डिग्री ली ।
1977 में अलवर से सहकारिता के आधार पर दैनिक अखबार आरानाद का प्रकाशन शुरू हुआ जिसमें जगदीश जी भी जुड़ गए । पत्र के सम्पदक श्री अशोक शास्त्री थे । इसमे कांतिचन्द पालावत, के एल गोपलिया, सुशील झालानी भी हिस्सेदार थे । तब यह अरावली प्रिंटिंग प्रेस पर छपता था । करीब एक साल तक जैसे तैसे यह अखबार चला लेकिन खबरों के मामले में इस अखबार ने जिले भर में अपनी पैठ बना ली थी । आखरी दौर में ईशमधु तलवार जी भी इस अखबार से जुड़े । बाद में इसका स्वामित्व श्री अशोक जोशी ने हासिल कर लिया । जगदीश जी को जयपुर से कुलिश जी का बुलावा आ गया । इनके लिए इससे बढ़िया क्या अवसर हो सकता था । इन्होंने तुरन्त जयपुर की राह पकड़ी और राजस्थान पत्रिका में उपसम्पादक के पद पर आसीन हो गए ।

जगदीश जी तपे तपाये खिलाडी थे । मेहनत करने में कहा पीछे हटने वाले थे । मेहनत के बलबूते पर कुछ समय बाद कार्यलय सवांददाता बन गए । रिपोर्टिंग के मामले में जयपुर में अपना डंका बजाया।हर क्षेत्र में रिपोर्टिंग की ।चाहे वह अपराध जगत हो या राजनीतिक क्षेत्र हो ।बड़े लोगो से अच्छे रसूखात बन । इनके पिता जी श्री रघुवर दयाल शर्मा जी शिक्षक की नोकरी से सेवानिवृत्त हुए हैं । इनका विवाह राज्य वित्त निगम कर्मी विमला शर्मा से संपन्न हुआ । इन्हें पुत्र रत्न की प्रप्ति हुई ।

1987 में राजस्थान पत्रिका के कार्यलय सवांददाता से वरिष्ठ सवांददाता बने । दो साल बाद यानी 89 में मुख्य सवांददाता बने । फिर कोटा संस्करणके स्थानीय सम्पदक बने । बीकानेर संस्करण का भी इन्होंने कार्य देखा ।Oइस दौरान कोई एक दर्जन देशों की यात्रा की और विभिन्न कार्यक्रमों के कवरेज किये । इन देशों में चेक्सलवाक़िया , ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, इटली फ्रांस, ब्रिटेन, बेल्जियम, हालैंड, जर्मनी, हंगरी के अलावा केरेबियन देशों की यात्रा की । जिनमे त्रिनाद, टेबेगो, गुयाना, मेरीलैंड, सूरीनाम आदि है ।

1995 में इन्होंने पत्रिका से नाता तोड़ दैनिक भास्कर जयपुर ज्वाइन कर लिया ।बाद में भास्कर के लिए दिल्ली काम किया । इसके बाद जयपुर आ गए । यहाँ ईटीवी में सलाहकार सम्पदक के रूप में काम किया । इनके पत्रकारिता जीवन खूबसूरत लम्हें हैं जो इन्हें एक पल भी निराश नहीं होने देते ।
जगदीश शर्मा जी प्रतिभा के धनी है । सकारात्मक सोच रखते हैं । हर पल मदद के लिए तैयार रहते हैं ।जब पत्रिका में थे जब युवा पत्रकारों को खूब प्रोत्साहित करते । नोकरी लगवाने में कभी पीछे नहीं हटते । जानबूझकर कहते थे कि पत्रिका में काम करने का मन है तो बताओ मैं भंडारी जी या कोचर साब से मिलवा देता हूं । या मेरा हवाला देकर मिल लो । फिर ये आप पर निर्भर करता था कि आप कितने सक्षम है । लेकिन जगदीश जी हमेशा ततपर रहै । जगदीश शर्मा जी के छोटे भाई विजय शर्मा जयपुर में राष्ट्रीय सहारा में ब्यूरोचीफ रहे । उनका असमय निधन हो गया । इनके एक और भाई राजेश शर्मा जी अलवर में खेल अधिकारी है । इन्होन ।करीब ढाई साल *राजस्थान ग्लोबल* कंपनी और न्यूज़ वैब पोर्टल चलाने के बाद मई, 2015 में रिलायंस इंडस्ट्रीज में कारपोरेट कम्युनिकेशंस के राजस्थान के प्रमुख का पद ग्रहण किया जो आज भी।चल रहा है।

प्रस्तुत कर्ता : हरप्रकाश मुंजाल

error: Content is protected !!