7.याद रखे की अगर अग्रज अपनो से छोटे को स्नेह और प्यार देंगे तो छोटे भी आप को जरुर सम्मान देंगे और आप का आदर भी करंगे | बच्चो को उनके अपने हिसाब से जीने का मोका दे, उनके कार्यकलापों मै टीका टिप्पणी नहीं करें | आप उन्हें सलाह तभी ही दें जब वे आप से सलाह मांगे |
8. क्रोध एक माचिस की तिली के समान है जो दूसरों को जलाने के पहले खुद ही जलती है | जब आप क्रोधित हो तो अपने आप से कहे की ऐसा करने से मै अपने आप से ही लड़ाई कर रहा हू है और खुद अपना ही नुकसान कर रहा हूँ
डा. जे. के. गर्ग