पर्यावरण दिवस विशेष
केकड़ी 5 जून(पवन राठी) पर्यावरण का हमारे जीवन में कितना महत्व है, इसे बहुत कम लोग समझ पाए हैं क्योंकि पर्यावरण से ही हमारा जीवन है। जिसने इसका महत्व समझ वही इसकी कद्र जानता है, पर्यावरण की वजह से हमे शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है वो भी फ्री में, अगर इसकी हमें कीमत चुकानी होती तो जानिए हम में से कितने लोग इसकी कीमत चुका पाते क्योंकि हर व्यक्ति को रोजाना करीब 550 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसे वह सांस के जरिए लेता है। सांस के द्वारा फेफड़ों में ली जाने वाली हवा में करीब 20 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है। ऐसे में हर व्यक्ति को जीवित रहने के लिए तीन-चार पेड़ पौधों की आवश्यकता होती है। एक पेड़ रोजाना करीब 230 लीटर ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है। अगर हम ऑक्सीजन की बाजार की कीमत की बात करें तो मरीजों को दी जाने वाली ऑक्सीजन की कीमत 10 से 12 रुपये प्रति लीटर है। ऐसे में बाजार कीमत के हिसाब से एक व्यक्ति सालभर में 20 लाख रुपये से भी अधिक की ऑक्सीजन लेता है। पेड़-पौधे अकूत संपदा के स्वामी हैं। एक वयस्क पेड़ हर साल करोड़ों रुपए की ऑक्सीजन फ्री में देता है। ऑक्सीजन का अर्थशास्त्र हमें सोचने पर मजबूर करता है कि पौधे हमारे जीवन के लिए कितने उपयोगी है। जरा सोचिए कि अगर हमें जीने के लिए ऑक्सीजन की कीमत चुकानी पड़ती तो कितने लोग इसकी कीमत चुका पाते, ऐसे में पर्यावरण का हमारे जीवन मे कितना महत्व है आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए स्वस्थ व सुरक्षित पर्यावरण के मानव जीवन की कल्पना अधूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि वायु प्रदूषण के चलते हर साल करीब 70 लाख मौतें होती है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जितना कम प्रदूषण हो अच्छा है साथ ही जितने अधिक पेड़ पौधे लगाए जाएं पर्यावरण शुद्धि के लिए हितकारी है। विकास की दौड़ में कंक्रीट के जंगलों का दायरा बढ़ रहा है। प्राकृतिक जंगल का दायरा तेजी से सिमट रहा है। जो बेहद चिंता का विषय है। अगर हम चाहते हैं कि पर्यावरण सुरक्षित रहे तो हमें उसके संरक्षण के कुछ उपाय करने होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि पीपल, नीम, बरगद और तुलसी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। नीम, बरगद, तुलसी के पेड़ एक दिन में 20 घंटों से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। ऑक्सीजन बनाने का काम पेड़ की पत्तियां करती हैं। बताया जाता है कि पत्तियां एक घंटे में 5 मिलीलीटर ऑक्सीजन बनाती हैं। इसलिए जिस पेड़ में ज्यादा पत्तियां होती हैं, वे पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन बनाता है। एमएमएमयूटी के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो. गोविन्द पाण्डेय ने बताया कि एक वर्ग किमी में 343 पेड़ लगाने पर बच्चों में अस्थमा की आशंका एक-तिहाई कम हो जाती है। शहरों में अगर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं तो खराब पर्यावरण से होने वाली मौतों को नौ फीसदी तक कम किया जा सकता है। आइये हम भी आज पर्यावरण दिवस पर लें ये संकल्प। वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसे बचाएं तथा पेड़-पौधों के संरक्षण में सहयोग करें। तालाब, नदी, पोखर को प्रदूषित नही करें, जल का दुरुपयोग नहीं करें। बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करें, इस्तेमाल के बाद बल्ब, पंखे या अन्य उपकरणों को बंद रखें। कूड़ा-कचरा को डस्टबीन में फेकें और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें, इससे प्रदूषण नहीं होगा। प्लास्टिक/पॉलिथिन का उपयोग बंद करें, उसके बदले कागज के बने झोले या थैले का उपयोग करें। पशु-पक्षियों के प्रति दया भाव रखें, नजदीकी कामों के लिए साइकिल का उपयोग करें। कुल मिलाकर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएं व पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना योगदान दें। शुद्ध पर्यावरण ही हमारा जीवन है।