राखी को मनाये बहन बेटियों के सुरक्षा दिवस के रूप में
रोकने का एक मात्र रास्ता जन जाग्रति,जन अभियान,जन चेतना और सामाजिक चेतना ही है समाज में व्याप्त नारी की असहजता एवं असुरक्षा को देखते हुए क्या यह तर्क संगत नहीं होगा कि राखी के पावन उत्सव पर बहन जब अपने भाई की कलाई पर राखी बांधे तो वह अपने भाई से यह शपथ और वचन लेकर राखी बांधे कि“भैया,जैसे आप मुझे पवित्र और स्नेहपूर्ण दृष्टि से देखते हैं एवं मेरी रक्षा का संकल्प लेते हैं वैसे ही आप इस राखी को मुझ से बंधवाते समय अपने सच्चे मन में यह प्रतिज्ञा करो कि आप केवल मेरी ही नहीं किन्तु भारत की प्रत्येक नारी एवं युवती को बहन की तरह निर्मल,पवित्र और स्नेह पूर्ण दृष्टि से ही देखोगे | अगर आप मुझसे यह वादा करते हो तब ही में आपको राखी बांधूगी |