रक्षा बंधन को मनाये जन चेतना सामाजिक सद्दभाव और सामाजिक क्रांति का माध्यम part 1

राखी को मनाये बहन बेटियों के सुरक्षा दिवस के रूप में

j k garg
भोतिकता एवं एश्वर्य प्रदर्शन के माहोल में पिछले कुछ सालों में घटित निर्लज निर्भया बलात्कार जेसी अनगिनत कांडो से सारा देश हिल गया है इन घटनाओं में रोज बडोतरी ही हो रही है | , हजारों नर नारीयों,युवक युवतियों ने देश भर प्रदर्शन करके आक्रोश व्यक्त भी किया है |,सरकार ने बलात्कार,अपहरण,योनाचार एवं स्त्री सुरक्षा-अस्मिता हेतु कठोर कानून भी बनाये किन्तु इन सब कोशिशों के बावजूद बलात्कार,अपहरण जैसी नारकीय घटनाओं में कोई कमी नहीं आई वरन ऐसी घटनायें दिन प्रति दिन बढती ही रही | सच्चाई यही है कि ऐसी अमानवीय घटनाओं को कानून,पुलिस या सरकार के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता है| हमारे देश के लिये कलंक बन चुकी इन विभत्स घटनाओं को
रोकने का एक मात्र रास्ता जन जाग्रति,जन अभियान,जन चेतना और सामाजिक चेतना ही है समाज में व्याप्त नारी की असहजता एवं असुरक्षा को देखते हुए क्या यह तर्क संगत नहीं होगा कि राखी के पावन उत्सव पर बहन जब अपने भाई की कलाई पर राखी बांधे तो वह अपने भाई से यह शपथ और वचन लेकर राखी बांधे कि“भैया,जैसे आप मुझे पवित्र और स्नेहपूर्ण दृष्टि से देखते हैं एवं मेरी रक्षा का संकल्प लेते हैं वैसे ही आप इस राखी को मुझ से बंधवाते समय अपने सच्चे मन में यह प्रतिज्ञा करो कि आप केवल मेरी ही नहीं किन्तु भारत की प्रत्येक नारी एवं युवती को बहन की तरह निर्मल,पवित्र और स्नेह पूर्ण दृष्टि से ही देखोगे | अगर आप मुझसे यह वादा करते हो तब ही में आपको राखी बांधूगी |

error: Content is protected !!