श्री देवनारायण भगवान

आज लोक देवता मानता है आपकों पूरा राजस्थान,
भगवान विष्णु के अवतार थें कहलाएं देवनारायण।
जो माघ मास मे शुक्ल पक्ष की षष्ठी को ये जन्में थें,
जीवन सारा लगा दिया था जिन्होंने लोक कल्याण।।

जिनकी माता का नाम साढ़ू और पिता सवाई भोज,
१८००० पशुधन था एवम् १४४४ ग्वालों का फ़ौज।
वासुदेव की जैसे थें देवनारायण जी गायों के रक्षक,
जो उठकर पहले ही दर्शन करते गौ माता का रोज़।।

गुरु रूपनाथ ने पहले ही कर दिया था भविष्यवाणी,
उनके गर्भ में जो पुत्र है वह नही है साधारण प्राणी।
अन्याय एवं अत्याचार के खिलाफ लड़ेगा वो लड़ाई,
आयुर्वेद के ज्ञाता बनकर बोलेंगें सदैव मीठी वाणी।।

बहुत किये बचपन में चमत्कार और किये है भलाई,
अनेंक सिद्धियां प्राप्त करके लड़ी कई सारी लडाई।
अल्पायु में हो गया था आपका पीपलदे संग विवाह,
महज ३१ साल में कर गऐ देव जी देवलोक विदाई।।

आज बगड़ावत गायन का हम सभी यशोगान करते,
मंदिरों और देवरो में उनकी पूजा अर्चना सब करते।
मुख्य रूप से गुर्जर समाज इनको आराध्य है मानते,
खीर एवं चूरमा भोग लगाकर सभी आपको पूजते।।

सैनिक की कलम ✍️
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
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