शीतला माता

जय जय जय देवी शीतला हमारी माता,
यह पर्व होली के सात दिनों बाद आता।
आदि ज्योति रानी आशीर्वाद रहें हमेंशा,
बासी भोजन भोग मैया आपकों भाता।।

इस दिन महिलाऍं सभी उपवास रखती,
चूल्हा जलाकर ग़र्म खाना नही पकाती।
बासी खाना मैय्या को अर्पित वो करती,
परिवार में सुख-समृद्धि कामना करती।।

शीतला-सप्तमी और ये अष्टमी का व्रत,
बहुत सारें रोगों से करता सब को मुक्त।
चैत्र माह की कृष्णपक्ष अष्टमी मे आता,
बुखार ख़सरा चेचक रोग आने न देता।।

श्रृद्धापूर्वक पूजन माॅं का जो भी करता,
धन धान्य का कमी उनके घर न आता।
संपूर्ण उत्तर भारत आपकी गाथा गाता,
ब्रह्मदेव से हुआ आपकी उत्पत्ति माता‌।।

लाखों लोग मानते है मैया को कुलदेवी,
गर्दभ की करती आप शानदार सवारी।
ज्वरासुर ज्वर हैजे चौंसठ रोग की देवी,
लगते है मेंले और निकालते है बिंदोरी।।

सैनिक की कलम ✍️
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
[email protected]

error: Content is protected !!