शादी की सालगिरह

आज हमारी है साथियों वो शादी की सालगिरह,
जोड़ी सलामत रहें हमारी दुआएं देना इस तरह।
कभी ना उतरे हम दोनों का चढ़ा प्रेम का बुखार,
खुशियों का यह सांसारिक मिलन रहें इस तरह।।

ग़म का साया कभी न आएं खुशियों बीच हमारे,
हर दिन नई ख़ुशी मनाएं वो पलको बीच हमारे।
यह ईश्वर की सब देन है जो जोड़ी बनायें हमारी,
ऐसे ही सलामत रखना प्रभु हरिनारायण हमारे।।

भेजा है जो बधाई सन्देश एवं शुभकामनाएं हमें,
जल्दी बताएं पार्टी करनी है आप सभी की हमें।
केक कटेगा डांस भी होगा झूम उठेगा पूरा जहां,
नाम नोट करवा दो सभी एवं नंबर भी देना हमें।।

मेरे विवाह की आज है यह उन्नतीसवीं वर्ष-गांठ,
रुखा सूखा जो मिला हम मिलकर खाएं है बांट।
सुख-दुःख कई आते रहें और दोनों ही सहते रहें,
प्रेम, प्यार से दिन गुजारें सर्वदा रहा घर में ठाठ।‌।

सुनें कम-सुनाएं ज्यादा ऐसा भी बहुत बार हुआ,
कभी हमारा कभी इसका दिमाग अपसेट हुआ।
लेकिन ईश्वर की कृपा से यें रिश्ता बरकरार रहा,
आनें वाले वक़्त के लिए करना आप सब दुआ।।

रचनाकार ✍️
गणपत लाल उदय अजमेर राजस्थान
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