
आखिर है क्या ?
हर जिंदा रहने वालों का आक्सीजन है और क्या?
– श
हाजिर है चार पंक्तियां ….
2) हर सुख के पीछे
दुख की एक कहानी है
बिन आंसू बोए हंसी कहां आनी है।
3) यारों गजब का चल रहा है ये ज़माना
अब नायक और महानायक हमें बताते हैं कि क्या पीना और क्या है खाना
*- श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’*